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ब्रिटिश विश्वविद्यालयों ने मिलाया हाथ, भारतीय छात्रों का होगा भला

इस पहल का उद्देश्य छात्रों को स्नातक होने के बाद व्यापक सहायता प्रदान करना है और नौकरी के बाजार में उनकी संभावनाओं में सहायता करने के लिए कौशल व कनेक्शन से लैस करना है।

ग्लासगो विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सर एंटोन मुस्केटेली और बर्मिंघम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एडम टिकेल भारतीय स्नातकों के लिए संभावनाओं में सुधार करना चाहते हैं। / University of Glasgow

बर्मिंघम विश्वविद्यालय और ग्लासगो विश्वविद्यालय ने अंतर्राष्ट्रीय छात्रों, विशेष रूप से भारतीय छात्रों को करियर मार्गदर्शन देने के लिए एक संयुक्त पहल की है। मई 2025 में लॉन्च होने वाली इस पहल का उद्देश्य स्नातकों को नौकरी के बाजार में उनकी संभावनाओं में सहायता करने के लिए कौशल और कनेक्शन से लैस करना है।

इसकी एक प्रमुख विशेषता भारत में आधारित एक नई स्नातक कैरियर भूमिका है, जो स्थानीय नियोक्ताओं, पूर्व छात्रों और उद्योग बोर्डों के साथ मिलकर व्यावहारिक सहायता प्रदान करती है।

इसमें प्रवेश-पूर्व ब्रीफिंग, कौशल कार्यक्रम और स्नातकोत्तर जुड़ाव शामिल हैं। यूके में विश्वविद्यालयों की करियर सेवाओं के भीतर समर्पित अंतर्राष्ट्रीय जुड़ाव टीमें छात्रों के परिणामों को बढ़ावा देने के लिए करियर सलाह, पूर्व छात्रों को सलाह और नियोक्ता के नेतृत्व वाले कार्यक्रम प्रदान करेंगी।

स्नातक होने के बाद पांच साल तक के लिए उपलब्ध यह कार्यक्रम विश्वविद्यालयों के 400,000-मजबूत पूर्व छात्रों के नेटवर्क और नियोक्ता भागीदारी का लाभ उठाएगा ताकि आधुनिक करियर मार्गदर्शन प्रदान किया जा सके।

बर्मिंघम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एडम टिकेल ने कहा कि इस पहल का उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को 'स्नातक अवसरों का अधिकतम लाभ उठाने' में मदद करना है। 

ग्लासगो विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सर एंटोन मस्कटेली ने कहा कि यह पहल छात्रों को 'पेशेवर जीवन में बदलाव लाने में मदद करेगी, सफलता के नए रास्ते खोलेगी और हमारे वैश्विक पूर्व छात्र समुदाय को मजबूत करेगी।'

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