अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मंगलवार को कहा कि अमेरिका कॉपर (तांबा) के आयात पर 50 प्रतिशत आयात शुल्क (टैरिफ) लगाने जा रहा है और फार्मास्युटिकल्स यानी दवाओं पर भी बहुत ऊंचा टैक्स लगाया जाएगा, जो कम से कम एक साल बाद 200 प्रतिशत तक हो सकता है।
ट्रम्प ने व्हाइट हाउस में आयोजित एक कैबिनेट मीटिंग के दौरान कहा – “आज हम कॉपर पर शुल्क लगा रहे हैं।” उन्होंने यह भी कहा, “दवाओं पर जल्द ही बहुत ऊंचे स्तर का शुल्क लगाया जाएगा, लगभग 200 प्रतिशत।”
भारत पर क्या असर होगा?
भारत से अमेरिका को कॉपर (तांबा) का सीमित निर्यात होता है, लेकिन भारत की कई कंपनियां अमेरिकी बाज़ार में कॉपर आधारित इलेक्ट्रॉनिक सामान या मैन्युफैक्चरिंग इनपुट्स भेजती हैं। 50% टैरिफ से इनकी लागत बढ़ेगी और प्रतिस्पर्धा में कमी आ सकती है।
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फार्मा सेक्टर को बड़ा झटका
भारत दुनिया का सबसे बड़ा जेनेरिक दवाओं (Generic Medicines) का निर्यातक है और अमेरिका इसका सबसे बड़ा ग्राहक है। अगर ट्रम्पसरकार फार्मा प्रोडक्ट्स पर 200% तक टैरिफ लगाती है, तो भारतीय फार्मा कंपनियों को अमेरिकी बाजार में बड़ा नुकसान हो सकता है। इससे डॉ. रेड्डीज़, सन फार्मा, लुपिन, और सिप्ला जैसी कंपनियों की आय पर असर पड़ सकता है।
दवाओं की कीमतें अमेरिका में बढ़ेंगी
ट्रम्पकी नीति अमेरिकी घरेलू दवा उद्योग को बढ़ावा देने की कोशिश है, लेकिन इससे अमेरिकी बाजार में सस्ती भारतीय दवाओं की पहुंच कम होगी, और उपभोक्ताओं को महंगी दवाएं खरीदनी पड़ सकती हैं।
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