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बर्थराइट सिटिज़नशिप पर ट्रम्प को मिली कानूनी जीत, प्रवासियों में चिंता

यह फैसला ट्रम्प की नीतियों को कुछ राज्यों में लागू होने की इजाजत दे सकता है—वो भी महज़ 30 दिनों के भीतर।

प्रतीकात्मक तस्वीर /

अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट ने 27 जून को एक बड़ा फैसला सुनाते हुए निचली अदालतों की उस शक्ति को सीमित कर दिया, जिसके तहत वे राष्ट्रव्यापी रोक (nationwide injunction) लगा सकती थीं। यह फैसला सीधे तौर पर पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के उस कार्यकारी आदेश को आगे बढ़ने का रास्ता देता है, जो अमेरिका में जन्मे बच्चों को नागरिकता देने की परंपरा (Birthright Citizenship) को समाप्त करना चाहता है, यदि उनके माता-पिता अवैध या अस्थायी वीज़ा पर अमेरिका में रह रहे हों।

हालांकि कोर्ट ने इस आदेश की संवैधानिकता पर कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन यह फैसला ट्रम्प की नीतियों को कुछ राज्यों में लागू होने की इजाज़त दे सकता है—वो भी महज़ 30 दिनों के भीतर।

यह भी पढ़ें- 'पूरी तरह से पागलपन',  ट्रंप के Tax and Spending Bill पर एलन मस्क का तंज  

भारतीय-अमेरिकी और एशियाई संगठनों की तीखी प्रतिक्रिया
इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए Indian American Impact के कार्यकारी निदेशक चिंतन पटेल ने कहा, “यह निर्णय लोकतंत्र और कानून के शासन पर सीधा हमला है। सुप्रीम कोर्ट ने ट्रम्प को ऐसा हथियार दे दिया है जिससे वो अपने कट्टरपंथी और विरोधी प्रवासी एजेंडे को और आगे बढ़ा सकेगा।” उन्होंने चेताया कि यह फैसला देश भर में दक्षिण एशियाई प्रवासी परिवारों के लिए अनिश्चितता का कारण बनेगा—यह साफ नहीं रहेगा कि क्या उनके अमेरिका में जन्मे बच्चे नागरिक माने जाएंगे या नहीं।

वहीं, Stop AAPI Hate ने इस फैसले को “बराबरी के अधिकारों की लड़ाई में खतरनाक गिरावट” करार दिया। संगठन की सह-संस्थापक सिंथिया चोई ने कहा, “यह ट्रम्प प्रशासन की रंगभेदकारी नीतियों का हिस्सा है, जिसका मकसद अमेरिका में रंगीन और आप्रवासी समुदायों को हाशिए पर डालना और उनकी राजनीतिक शक्ति को पीढ़ियों तक कमज़ोर करना है।”

बर्थराइट सिटिज़नशिप खतरे में
सिंथिया चोई ने आगे कहा, “यह फैसला न केवल एशियाई-अमेरिकी परिवारों के भविष्य के लिए खतरा है, बल्कि यह सवाल खड़ा करता है कि क्या प्रवासी परिवार और रंगभेदी समुदाय वाकई इस देश के ताने-बाने का हिस्सा माने जाते हैं।” उन्होंने चेताया कि अब ऐसा वर्ग उभर सकता है जो न तो अमेरिका का नागरिक होगा, न किसी और देश का—एक "Stateless Population", जो शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित रह सकता है और कभी भी निर्वासित किया जा सकता है।

ट्रम्प का कार्यकारी आदेश
राष्ट्रपति ट्रम्प का आदेश कहता है कि यदि किसी बच्चे के माता-पिता अमेरिका में अवैध रूप से या अस्थायी वीज़ा पर रह रहे हैं, तो उस बच्चे को अमेरिकी नागरिकता नहीं मिलनी चाहिए—even if born on U.S. soil. यह आदेश 14वें संविधान संशोधन के मूल सिद्धांतों पर सवाल उठाता है।

 

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