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द बंगाल फाइल्स: 'आज भी अधूरी है बंटवारे की त्रासदी'

The Bengal Files अब अमेरिका के कई शहरों में स्क्रीनिंग के लिए तैयार है और जल्द ही भारत में रिलीज़ की तारीख का ऐलान किया जाएगा।

द बंगाल फाइल्स फिल्म के प्रीमियर के दौरान वाशिंगटन में फिल्म निर्माता विवेक रंजन अग्निहोत्री और अभिनेत्री-निर्माता पल्लवी जोशी / Lalit K Jha

द ताशकंद फाइल्स और द कश्मीर फाइल्स के बाद फिल्म निर्माता विवेक रंजन अग्निहोत्री और अभिनेत्री-निर्माता पल्लवी जोशी ने अपनी ट्रिलॉजी की अंतिम कड़ी द बंगाल फाइल्स रिलीज़ कर दी है। इस फिल्म का वर्ल्ड प्रीमियर 20 जुलाई को वॉशिंगटन डीसी में “नेवर अगेन टूर” के तहत हुआ।

प्रीमियर के बाद दोनों ने एक इमोशनल इंटरव्यू में उस भूली हुई भारतीय त्रासदी और आज के राजनीतिक हालात पर खुलकर बात की।

"यह अधिकारों की त्रयी है—सच, न्याय और अब जीवन"
विवेक रंजन अग्निहोत्री ने बताया, “द ताशकंद फाइल्स सत्य के अधिकार पर थी, द कश्मीर फाइल्स न्याय के अधिकार पर, और द बंगाल फाइल्स जीवन के अधिकार की बात करती है। जब भी भारत-पाक बंटवारे की बात होती है, लोग पंजाब की बात करते हैं, लेकिन असली रणभूमि तो बंगाल था। फिल्म 1946 के डायरेक्ट एक्शन डे और नोआखाली नरसंहार से लेकर आज के बंगाल तक जाती है। सवाल ये है कि क्या हिंसा रुकी? अगर नहीं रुकी, तो हम आजाद कैसे हैं?”

"ये हमारी ज़िंदगी का सबसे निजी सफर था"
पल्लवी जोशी ने कहा, “हमने 2015 में इस यात्रा की शुरुआत की थी। 10 साल बाद ये ट्रिलॉजी पूरी हुई। लेकिन द बंगाल फाइल्स बनाते समय एक अलग ही बेचैनी थी, क्योंकि हम एक ऐसी सच्चाई को सामने ला रहे थे जिसे देश ने भुला दिया। ये फिल्म बनाते हुए हमारे बच्चे भी हमारे साथ जुड़े। ये सफर अब खत्म नहीं हुआ, भविष्य की फिल्में भी इसी रास्ते पर चलेंगी—अज्ञात इतिहास को उजागर करने वाली।”
 

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