ADVERTISEMENT

भारत में जल्द बिकने लगेंगी टेस्ला की कारें, बड़ी छूट देने की सरकार की तैयारी

भारत में अभी 33 लाख रुपये यानी 40 हजार डॉलर से ज्यादा महंगी विदेशी कारों के आयात पर 100 पर्सेंट इंपोर्ट ड्यूटी लगती है। 40 हजार डॉलर से सस्ती कारों पर 60 प्रतिशत आयात शुल्क का प्रावधान है। टेस्ला इसमें छूट मांग रही है।

सरकार की नई ईवी नीति से भारत में इलेक्ट्रिक वाहन सस्ते हो सकते हैं। / X @Tesla


भारत में टेस्ला की कारों का इंतजार जल्द खत्म होने की उम्मीद है। भारत सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों पर इंपोर्ट ड्यूटी को लेकर अपनी नीति को जल्द ही अंतिम रूप दे सकती है। एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस नीति के तहत 30 लाख रुपये से अधिक की इलेक्ट्रिक कारों को अगले दो-तीन वर्षों के लिए रियायती दरों पर आयात करने की छूट दी जा सकती है। 

सरकार की इस नीति से भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतों में अच्छी खासी कमी आ सकती है। इसका फायदा टेस्ला जैसी बड़ी विदेशी कार कंपनी को होगा। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इंपोर्ट ड्यूटी में ये छूट टेस्ला द्वारा भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण की बैंक गारंटी दिए जाने पर दी जा सकती है। 

भारत सरकार की मौजूदा नीति के तहत 33 लाख रुपये यानी 40 हजार डॉलर से ज्यादा महंगी विदेशी कारों के आयात पर 100 पर्सेंट इंपोर्ट ड्यूटी लगती है। 40 हजार डॉलर से सस्ती कारों पर 60 प्रतिशत आयात शुल्क वसूलने का प्रावधान है। टेस्ला का कहना है कि वह भारत में अपनी कारें बेचने और 2 अरब डॉलर का निवेश करने के लिए तैयार है, लेकिन सरकार को दो साल तक उसके वाहनों पर इंपोर्ट ड्यूटी घटाकर 15 फीसदी करनी होगी। 

टेस्ला की इसी शर्त को देखते हुए भारत सरकार अब बैंक गारंटी की बिनाह पर रियायती आयात शुल्क लागू करने पर विचार कर रही है। ये बैंक गारंटी इसलिए ली जा रही हैं ताकि अगर टेस्ला निर्धारित समयसीमा के अंदर भारत में अपना निवेश करने में किसी वजह से नाकाम रहे तो इन्हें भुनाया जा सके। 

ऐसी संभावनाएं जताई जा रही थीं कि अमेरिका कार कंपनी टेस्ला इसी साल गुजरात में हुए वाइब्रेंट गुजरात समिट में अपनी भारत में एंट्री का ऐलान कर सकती है, लेकिन उस समय तक भारत में टेस्ला के प्लांट को लेकर कोई फैसला न होने की वजह से यह घोषणा नहीं हो सकी। 

भारत के इलेक्ट्रिक वाहन बाजार में फिलहाल महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा और ओला जैसी कंपनियों का वर्चस्व है। ये कंपनियां भी टेस्ला की तरह रियायतों की मांग कर रही हैं। ओला के सीईओ भाविश अग्रवाल भी विदेश से इलेक्ट्रिक कारें आयात करने के खिलाफ हैं। उनका कहना है कि टेस्ला और अन्य विदेशी कंपनियों को छूट दिए जाने से घरेलू कार निर्माताओं को नुकसान होगा। 

Comments

ADVERTISEMENT

 

 

 

ADVERTISEMENT

 

 

E Paper

 

 

 

Video

 

Related