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ब्रिटिश कोलंबिया के बाद अब इस कनाडाई असेंबली के चुनावों में परचम लहराएंगे भारतवंशी!

हाल ही में संपन्न ब्रिटिश कोलंबिया के चुनावों में दक्षिण एशियाई मूल के उम्मीदवारों को 93 में से 15 सीटें जीतने में कामयाबी मिली है।

कनाडा के सस्केचेवान प्रांत में 28 अक्टूबर को असेंबली चुनाव होने हैं। / X @ElectionsSask

कनाडा में ब्रिटिश कोलंबिया के चुनावों में उल्लेखनीय प्रदर्शन के बाद अब सस्केचेवान  के प्रांतीय चुनावों में कई दक्षिण एशियाई उम्मीदवार झंडा गाड़ने की तैयारी में हैं।

हाल ही में संपन्न ब्रिटिश कोलंबिया के चुनावों में दक्षिण एशियाई मूल के उम्मीदवारों को 93 में से 15 सीटें जीतने में कामयाबी मिली है। न्यू ब्रंसविक प्रांतीय असेंबली में तो पहली बार कोई दक्षिण एशियाई मूल का नेता पहुंचा है। सस्केचेवान में 28 अक्टूबर को चुनाव है।

सस्केचेवान असेंबली में पहुंचने वाली दक्षिण एशियाई मूल की पहली नेता का खिताब गैरी ग्रेवाल के नाम हैं। उन्होंने 2020 में यह उपलब्धि हासिल की थी। हालांकि इस बार उन्होंने चुनाव न लड़ने का फैसला किया है। 

इस बार सत्तारूढ़ सस्केचेवान पार्टी की तरफ से राहुल सिंह, खुशदिल मेहरोक, जसप्रीत मंदर, परमिंदर सिंह, जाहिद संधू, मुमताज नसीब, लियाकत अली, मुहम्मद फैज, रियाज अहमद, सीजर खान चुनाव लड़ रहे हैं। तीन अन्य- भजन बराड़, डॉ. तेजिंदर ग्रेवाल और नूर बुर्की न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी से उम्मीदवार हैं। 

विक्की मोवात सास्काटून फ्रीडम पार्टी की तरफ से दक्षिण एशियाई मूल के एकमात्र उम्मीदवार हैं। दक्षिण एशियाई मूल के अधिकांश उम्मीदवार रेजिना या सास्काटून क्षेत्र के रिडिंग्स से चुनाव लड़ रहे हैं। इन चुनावों में किफायती आवास, बेरोजगारी, महंगाई और टैक्स की ऊंची दरें प्रमुख मुद्दे बने हुए हैं।

सस्केचेवान में दक्षिण एशियाई देशों खासकर भारत और पाकिस्तान के प्रवासियों की आबादी में पिछले कुछ वर्षों में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। अब संघीय सरकार द्वारा कनाडा में नए प्रवासियों का कोटा घटाने के फैसले से कुछ प्रांतों ने कुशल और अकुशल मैनपावर की कमी होने लगी है।

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