ADVERTISEMENT

ADVERTISEMENT

अनंत अंबानी के Vantara Zoo की जांच के लिए SIT गठित

चिड़ियाघर वंतारा का संचालन रिलायंस इंडस्ट्रीज के अरबपति प्रमुख मुकेश अंबानी के बेटे अनंत अंबानी करते हैं, जो अब अपनी व्यवस्थाओं को लेकर सवालों के घेरे में हैं।

अनंत अंबानी /


रिलायंस इंडस्ट्रीज के चीफ मुकेश अंबानी के बेटे अनंत अंबानी द्वारा स्थापित एक विशाल निजी चिड़ियाघर में अवैध पशु आयात और वित्तीय कदाचार के आरोपों लगाए गए हैं। आरोपों की सत्यता की जांच के लिए भारत की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट ने इस हफ्ते  सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के नेतृत्व में एक पैनल गठित करने का आदेश दिया है। 

वनतारा को "दुनिया का सबसे बड़ा वन्य जीव बचाव केंद्र" होने का दावा किया जाता है। लेकिन अब यह अवैध पशु आयात और वित्तीय कदाचार के आरोपों के बाद अब सवालों के घेरे में है। जू पर अवैध पशु आयात और वित्तीय कदाचार के आरोपों के बीच संचालक अरबपति मुकेश अंबानी के बेटे अनंत अंबानी के दावों को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। 

सुप्रीम कोर्ट ने 25 अगस्त को एक आदेश जारी किया। जिसमें वंतारा में कथित अवैध अधिग्रहण, वन्यजीव नियमों के अन्य उल्लंघन और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच करने के लिए स्पेशल इंवेटिगेशन टीम गठित करने को कहा गया। 

बता दें कि भारत के केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण के अनुसार, पश्चिमी राज्य गुजरात में स्थित वंतारा चिड़ियाघर में 200 से ज्यादा हाथियों, 50 भालुओं, 160 बाघों, 200 शेरों, 250 तेंदुओं और 900 मगरमच्छों सहित अन्य जानवर हैं। 

हालांकि वन्यजीव कार्यकर्ताओं ने चिड़ियाघर की सुविधा को लेकर सवाल खड़े किए हैं। एक्टिविस्ट्स का कहना है कि यह चिड़ियाघर एक विशाल तेल रिफाइनरी परिसर के पास स्थित है। जहां लुप्तप्राय जीव भी हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने SIT टीम को नियामकों, अधिकारियों, हस्तक्षेपकर्ताओं और पत्रकारों सहित कई स्रोतों से जानकारी हासिल करने का अधिकार दिया गया है। टीम कोर्ट को एक संपूर्ण तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करने के लिए जरूरी समझे जाने वाले किसी भी क्षेत्र में अपनी जांच का विस्तार कर सकती है। साथ ही, SIT टीम को 12 सितंबर तक अपनी रिपोर्ट पेश करने को कहा है।

यह भी पढ़ें: 'QUAD ही चीन का तोड़', US टैरिफ वॉर के बीच भारत का बयान

इन बातों की होगी जांच 
वंतारा की जांच के लिए गठित SIT पशुओं के अधिग्रहण, कानूनी अनुपालन, अंतरराष्ट्रीय मापदंड, पशु कल्याण, पर्यावरण संबंधी चिंताएं, पशुओं के संग्रहण और संरक्षण, संसाधनों का उपयोग, वन्यजीव व्यापार, वित्तीय अनुपालन व अन्य प्रासंगिक मामलों की जांच करेगी।

पूर्व जस्टिस जे चेलमेश्वर के नेतृत्व में होगी जांच
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस जे चेलमेश्वर की अध्यक्षता में SIT गठित की है। इस SIT में उत्तराखंड और तेलंगाना हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस राघवेंद्र चौहान, मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त हेमंत नागराले और अनीश गुप्ता रहेंगे।

अदालत ने क्या कहा?
वंतारा की जांच को लेकर भारत के सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "हम एक स्वतंत्र तथ्यात्मक मूल्यांकन करना उचित समझते हैं।" अदालत ने आगे कहा कि एसआईटी वंतारा पर आरोपों की जांच के दौरान यह आकलन करेगी कि क्या गुजरात की कठोर जलवायु जानवरों के लिए अनुपयुक्त है, और "निजी संग्रह के निर्माण से संबंधित शिकायतों" का भी आकलन करेगी।

हालांकि यह पहला मामला नहीं है, जब वंतारा पर आरोप लगे हैं। अदालत ने कई मीडिया रिपोर्टों और वन्यजीव संगठनों की शिकायतों पर यह एक्शन लिया है। बता दें कि वर्ष मार्च में जर्मन अखबार सुड्डॉश्चे ज़ितुंग ने बताया कि वंतारा ने 2024 में लगभग 39,000 जानवरों का आयात किया, जिनमें कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, संयुक्त अरब अमीरात और वेनेजुएला से भी शामिल हैं। 

वंतारा की ओर जारी एक बयान के मुताबिक, दर्जनों हाथियों को भारत भर से हजारों किलोमीटर दूर विशेष रूप से अनुकूलित ट्रकों में वहां पहुंचाया गया था।

वहीं कोर्ट के आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए वंतारा ने 26 अगस्त को एक बयान में कहा, "कानून का पालन सुनिश्चित करने के लिए जांच दल को पूर्ण सहयोग किया जाएगा। हमारा मिशन और ध्यान जानवरों के बचाव, पुनर्वास और देखभाल पर केंद्रित रहेगा।"

यह भी पढ़ें: SCO Summit 2025: एक मंच पर जुटेंगे मोदी-पुतिन-जिनपिंग, देंगे बड़ा मैसेज

 

 

Comments

Related

ADVERTISEMENT

 

 

 

ADVERTISEMENT

 

 

E Paper

 

 

 

Video