न्याय विभाग (DOJ) में नागरिक अधिकारों के लिए सहायक अटॉर्नी जनरल के लिए राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प द्वारा नामित हरमीत ढिल्लों ने 26 फरवरी को सीनेट की पुष्टिकरण सुनवाई के दौरान अपने कानूनी करियर के पीछे प्रेरक शक्ति के रूप में अपने सिख धर्म और आप्रवासी पृष्ठभूमि को रेखांकित किया।
ढिल्लों ने कमजोर समुदायों की वकालत करने के अपने दशकों के काम को रेखांकित करते हुए सीनेट न्यायपालिका समिति को बताया कि मेरा विश्वास मुझे सिखाता है कि असहाय लोगों के अधिकारों के लिए खड़ा होना हमारा एक कर्तव्य है।
ढिल्लों बचपन में ही अमेरिका में आकर बस गई थीं। सुनवाई के दौरान उन्होंने उत्तरी कैरोलिना के स्मिथफील्ड में बसने के बाद अपने परिवार के साथ हुए भेदभाव को याद किया। उन्होंने कहा कि जब हम 1975 में स्मिथफील्ड चले गए तो शहर में प्रवेश करते ही राजमार्ग पर एक संकेत लगा हुआ था जिस पर लिखा था कि यूनाइटेड क्लान्स ऑफ अमेरिका स्मिथफील्ड में आगंतुकों का स्वागत करता है। हालांकि 1977 में चिन्ह हटा दिया गया था, पर लगा कि हमारी उपस्थिति और आस्था के लिए हमे धमकाया जा रहा था।
ढिल्लों ने कहा कि उनकी सिख परवरिश ने नागरिक अधिकार कानून के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को बढ़ाया है। उन्होंने अपने 32 साल के कानूनी करियर के बारे में भी विस्तार से बताया। इसमें घरेलू हिंसा का शिकार लोगों, शरण चाहने वालों और 9/11 के बाद घृणा अपराधों के पीड़ितों की वकालत शामिल है। उन्होंने कहा कि मेरे ग्राहकों में मुस्लिम, बौद्ध, हिंदू और ईसाई शामिल हैं।
राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प के निजी वकील ढिल्लों ने DOJ के भीतर राजनीतिकरण के बारे में चिंताओं पर भी बात की। उन्होंने कहा कि वह अच्छी तरह से जानती हैं कि कैसे न्याय विभाग को गलत उद्देश्यों के लिए, राजनीतिक उत्पीड़न के लिए, बदला चुकाने के लिए, संरक्षित भाषण और विचारों को दंडित करने के लिए हथियार बनाया जा सकता है। कई वर्षों तक उनके वकील के रूप में मैं भी इस बात से अच्छी तरह वाकिफ हूं कि न्याय कितनी जल्दी अन्यायपूर्ण हो सकता है।
पुष्टि होने पर सत्यनिष्ठा के साथ कार्य करने की प्रतिज्ञा करते हुए ढिल्लों ने कहा कि मैं राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए एक पक्षपातपूर्ण उपकरण के रूप में DOJ नागरिक अधिकार प्रभाग का उपयोग कभी नहीं करूंगा।
उन्होंने शिक्षा और चुनावों में निष्पक्षता को कमजोर करने वाली नीतियों के खिलाफ भी चेतावनी देते हुए कहा कि हमारा लोकतंत्र हमारे गणतंत्र की जीवनधारा है। इस प्रक्रिया में असुरक्षा अविश्वास को जन्म देती है। अविश्वास चिंता और अराजकता को जन्म देता है।
सीनेट न्यायपालिका समिति अब पूर्ण सीनेट वोट से पहले ढिल्लों के नामांकन पर विचार-विमर्श करेगी।
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