वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ मेडिसिन ने अपने 26वें सालाना अवार्ड सेरेमनी में भारतीय मूल के आंखों के प्रसिद्ध डॉक्टर राजेंद्र आप्टे को आउटस्टैंडिंग फैकल्टी एंड स्टाफ अवार्ड से सम्मानित किया।
यह पुरस्कार यूनिवर्सिटी के ग्रेजुएट एंड प्रोफेशनल स्टूडेंट काउंसिल द्वारा प्रदान किया जाता है। इसमें उन फैकल्टी मेंबर्स और स्टाफ को सम्मानित किया जाता है जिन्होंने मेंटरशिप, टीचिंग और सर्विस के जरिए छात्रों पर सकारात्मक प्रभाव छोड़ा हो।
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डॉ. आप्टे ऑप्थैल्मोलॉजी (नेत्र विज्ञान) एंड विजुअल साइंसेज के पॉल ए. सिबिस डिस्टिंग्विश्ड प्रोफेसर हैं। छात्र जेसन कोलासांटी, जेलुन वांग, जोसेफ लिन और चास फाइफर ने उन्हें नॉमिनेट किया था। इन छात्रों ने डॉ. आप्टे के डेडिकेशन, सपोर्ट और लीडरशिप की तारीफ करते हुए उन्हें इस अवार्ड के लिए चुना। सेरेमनी में लिन और वांग ने डॉ. आप्टे को अवार्ड दिया और उनके नॉमिनेशन की वजह भी बताई।
इस मौके पर डॉ. आप्टे ने कहा कि छात्रों, रेजिडेंट्स, रिसर्च व क्लिनिकल फेलो और जूनियर फैकल्टीज को मेंटर करना मेरे काम का सबसे अच्छा हिस्सा है और मुझे सबसे ज्यादा पसंद है। वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के सबसे बड़े प्रोफेशनल स्टूडेंट बॉडी से यह अवार्ड पाना मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है।
डॉ. आप्टे ने बॉम्बे यूनिवर्सिटी के एल.टी.एम. मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस करने के बाद टेक्सास यूनिवर्सिटी के साउथवेस्टर्न मेडिकल सेंटर से पीएचडी की है।
इसके अलावा विल्मर ऑप्थैल्मोलॉजिकल इंस्टीट्यूट में फेलोशिप और यूटी साउथ वेस्टर्न मेडिकल सेंटर डलास में ऑप्थैल्मोलॉजी की रेजिडेंसी ट्रेनिंग की है।
डॉ. आप्टे को नेत्र विज्ञान के क्षेत्र में अहम योगदान के लिए पहले भी कई अंतरराष्ट्रीय सम्मान मिल चुके हैं। यह अवार्ड उनकी मेहनत और छात्रों के प्रति समर्पण को दर्शाता है।
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