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क्वाड की मदद से चीन को चुनौती देंगे ट्रम्प, विदेश मंत्री ने पद संभालते ही दिए संकेत

अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो कार्यभार संभालने के बाद सबसे पहले क्वाड की मेजबानी करेंगे। इसका संदेश साफ है कि नए राष्ट्रपति ट्रम्प के लिए चीन से मुकाबला करना सर्वोच्च प्राथमिकता है। 

अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो / REUTERS/Kevin Mohatt/File

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के शपथ लेते ही उनके मंत्रियों ने मोर्चा संभाल लिया है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो भी क्वाड की बैठक से अपनी शुरुआत करने जा रहे हैं। वह ऑस्ट्रेलिया, भारत और जापान के अपने समकक्षों के साथ वाशिंगटन में क्वाड मीटिंग की मेजबानी करेंगे।

चार देशों के संगठन क्वाड का गठन चीन के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करने के उद्देश्य से हुआ है। अमेरिकी विदेश मंत्री कार्यभार संभालने के बाद सबसे पहले क्वाड की बैठक की मेजबानी करके संदेश देना चाहते हैं कि नए राष्ट्रपति के लिए चीन का मुकाबला करना सर्वोच्च प्राथमिकता है। 

घटनाक्रम से परिचित एक अधिकारी के अनुसार, इस बैठक में क्वाड शिखर सम्मेलन के जल्द आयोजन की भूमिका भी तैयार की जा सकती है। खबरों के अनुसार व्हाइट हाउस में विदेश मंत्रियों की एक अलग से बैठक आयोजित करने पर भी काम चल रहा है। इसके अलावा ट्रम्प के शीर्ष राजनयिक मार्को रुबियो भी क्वाड नेताओं से अलग से मुलाकात कर सकते हैं। 

वाशिंगटन में भारतीय और जापानी समकक्षों से हाल ही में मुलाकात करने वाली ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री पेनी वोंग का कहना है कि ट्रम्प के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के लिए क्वाड के विदेश मंत्रियों को न्योता दिया जाना भारत-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग की सामूहिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस वक्त इस इलाके में घनिष्ठ सहयोग काफी महत्वपूर्ण है। 

बाइडेन सरकार के दौरान भी क्वाड ग्रुप की कई बैठकें हो चुकी हैं। इनका प्रमुख उद्देश्य इंडो-पैसिफिक में चीन की सैन्य व आर्थिक गतिविधियों का मुकाबला करना रहा है। फोकस में दक्षिण चीन सागर पर विशेष फोकस रहा है, जहां अमेरिका के सहयोगी देशों ने  चीन के दावों का एकजुट होकर विरोध किया है। क्वाड ग्रुप ने सप्लाई चेन बनाए रखने और समुद्र के नीचे केबल जैसे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की सुरक्षा के लिए साइबर सुरक्षा सहयोग बढ़ाने का भी वादा किया है। 

ऑस्ट्रेलिया अमेरिका से AUKUS रक्षा परियोजना पर आश्वासन चाहते है। इससे ऑस्ट्रेलिया को परमाणु ऊर्जा से चलने वाली हमलावर पनडुब्बियों और हाइपरसोनिक मिसाइल जैसे अन्य उन्नत हथियारों को प्राप्त करने में मदद मिलेगी। चीन क्वाड की निंदा करते हुए कहता रहा है कि AUKUS से क्षेत्र में हथियारों की रेस बढे़गी। 

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