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नलिन हेले ने विवेक रामास्वामी की शिक्षा योजना को ‘थर्ड वर्ल्ड पेरेंटिंग’ बताया

नलित ने विवेक को creep यानी ‘धीमी गति से चलने वाला’ कहा और उनकी शिक्षा संबंधी सोच को third-world parenting बताया।

नलिन हेले, विवेक रामास्वामी / File Photo

अमेरिका में रिपब्लिकन नेता विवेक रामास्वामी की शिक्षा नीति को लेकर विवाद बढ़ गया है। पूर्व अमेरिकी राजदूत निक्की हेले के बेटे नलिन हेले ने रामास्वामी की शिक्षा योजना पर तीखा हमला किया है। उन्होंने एक पोस्ट में उन्हें creep यानी ‘धीमी गति से चलने वाला’ कहा और उनकी शिक्षा संबंधी सोच को third-world parenting बताया।

नलिन हेले एक वीडियो पर प्रतिक्रिया दे रहे थे जिसमें विवेक रामास्वामी ने बच्चों की देखभाल का खर्च कम करने के लिए सालभर स्कूल खुले रखने की बात कही थी। नलिन हेले ने इस पर आपत्ति जताते हुए लिखा कि ऐसी शिक्षा पद्धति अमेरिकी बच्चों पर थोपनी नहीं चाहिए।

विवाद तब और बढ़ गया जब नलिन हेले ने 2022 की एक टिप्पणी का भी जिक्र किया। उस समय रामास्वामी ने फ्लोरिडा की शिक्षा नीति के लिए wait until 8 जैसा एक नारा सुझाया था। यह बहस उस कानून को लेकर हुई थी जिसे कुछ लोग Don’t Say Gay कानून कह रहे थे। नलिन हेले ने इसे बच्चों को सेक्स शिक्षा देने की कोशिश बताया और इसका विरोध किया।

दूसरी ओर विवेक रामास्वामी का कहना है कि उनकी शिक्षा योजना अमेरिका में घटती पढ़ाई-लिखाई की गुणवत्ता को ठीक करने के लिए है। ओहायो राज्य में 2026 के गवर्नर पद के उम्मीदवार रामास्वामी ने अपने शिक्षा सुधार प्रस्ताव में कई बातें शामिल की हैं। इनमें सालभर चलने वाला स्कूल कैलेंडर, अधिक स्कूल घंटे, तीसरी कक्षा तक पढ़ने की क्षमता की गारंटी, फॉनिक्स आधारित पढ़ाई और स्कूल चुनने की आजादी जैसे सुझाव शामिल हैं।

रामास्वामी का कहना है कि अमेरिकी बच्चों में गणित और पढ़ने की दक्षता लगातार कम हो रही है और इसे ठीक करने के लिए शिक्षा प्रणाली में बड़े बदलाव की जरूरत है। फ्लोरिडा की शिक्षा नीति पर पिछले समय में जो विवाद हुआ था, उस पर भी रामास्वामी ने प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने उस समय कहा था कि असली बहस शिक्षा देने की सीमा और उसके तरीके को लेकर है। बाद में अधिकारियों ने साफ किया कि यह कानून स्कूलों में औपचारिक पढ़ाई को सीमित करता है, न कि सामान्य बातचीत को।

नलिन हेले की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब विवेक रामास्वामी हाल के दिनों में आव्रजन और राष्ट्रीय पहचान जैसे मुद्दों पर भी कई विवादित बयान दे चुके हैं। इस बहस ने अमेरिका में शिक्षा के तौर-तरीकों, बच्चों की परवरिश और सांस्कृतिक दृष्टिकोण को लेकर नई चर्चा छेड़ दी है।

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