भारतीय मूल के अमेरिकी संस्था को पहली भार मैकआर्थर अनुदान (MacArthur Grant 2025) के जरिए $100 मिलियन की सहायता मिलने जा रही है। मैकआर्थर एक ऐसा संगठन है, जो बेघर लोगों नया घर बनाने के लिए प्रोत्साहन देता है। वर्ष 2025 में यह अनुदान पहली बार भारतीय मूल के अमेरिकी शख्स को मिलने जा रहा है।
निर्धन परिवारों के लिए घर बनवाना एक सपने देखने जैसा होता है। निर्धन को लोगों को प्रतिदिन अपने दैनिक आवश्यकताओं को लिए खून पसीना बहाना पड़ता है। यह एक कठिन सामाजित चुनौती भी है। ऐसे में दुनिया में कई ऐसी संस्थाएं है, जो निर्धनों को भोजन, स्वास्थ्य और आवास की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए अनुदान देती हैं। मैकआर्थर फाउंडेशन और इसके सहयोगी लीवर फॉर चेंज ऐसी ही एक संस्था है, जो निर्धनों के लिए घर बनवाकर उन्हें नए आशियाने के सपनों को पूरा करने में अहम रोल निभाती है।
इस बार कआर्थर फाउंडेशन और इसके सहयोगी लीवर फॉर चेंज की ओर से दिए जाने वाले $100 मिलियन का अनुदान के लिए 869 वैध आवेदनों में से चुने गए पांच वैश्विक फाइनलिस्ट लिस्ट में नामित किया गया है, जिसमें एक भारतीय मूल के अमेरिकी शख्स का नाम है। मैकआर्थर फाउंडेशन ने Community Solutions को 75 अमेरिकी समुदायों में बेघरपन को समाप्त करने के लिए $100 मिलियन का अनुदान दिया। यह अनुदान बिल्ट फॉर जीरो के प्रभाव को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा, जो शहरों में बेघरपन से निपटने के तरीकों को बदल रहा है। संगठन की ओर से 'टीचिंग एट द राइट लेवल' (TaRL) दृष्टिकोण के तहत एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका में 25 मिलियन बच्चों की शिक्षा और मैथ के टैलेंट को निखारने का प्रयास किया जाता है।
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मैकआर्थर फाउंडेशन
मैकआर्थर फाउंडेशन एक गैर-लाभकारी संगठन है। यह दुनिया भर में विभिन्न सामाजिक समस्याओं के समाधान के लिए अनुदान प्रदान करता है। संगठन हर वर्ष निर्धन और बेघर लोगों की सहायता के लिए सर्वे करता है।
100&Change
मैकआर्थर फाउंडेशन की एक प्रतियोगिता जो एक एकल सामाजिक समस्या को हल करने वाले समाधान को $100 मिलियन का अनुदान देती है। इस अनुदान के लिए निर्धन लोगों को लाइफस्टाइल में बदलाव आ रहा है। जिसके चलते इस मुहिम के साथ 100&Change टैकवर्ड जुड़ा हुआ है।
सामुदायिक भावना
एक संगठन जो बेघरपन को समाप्त करने के लिए काम करता है। संगठन की शुरुआत रोसेन हैगर्टी द्वारा की गई थी और वे इसके सीईओ भी हैं। संस्था मानवीय मूल्यों को उच्च प्राथमिकता देने के साथ 100 मिलियन डॉलर की प्रतियोगिता में पांच फाइनलिस्ट घोषित प्रत्येक टीम वैश्विक स्तर पर सार्थक परिवर्तन लाने के लिए लगातार प्रयासरत है।
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