ADVERTISEMENT

ADVERTISEMENT

ज्ञानवापी परिसर में हिंदू पक्ष को मिला पूजा का अधिकार, VHPA ने कहा- न्याय की जीत

VHPA ने कहा कि यह ऐतिहासिक फैसला 1993 में हिंदुओं से अवैध रूप से लिए गए अधिकारों को बहाल करता है। यह मामला मूल रूप से संपत्ति के अधिकारों के बारे में है और किसी अल्पसंख्यक समूह के खिलाफ संघर्ष नहीं है। हिंदू पक्ष द्वारा पेश अकाट्य सबूतों पर आधारित यह निर्णय, न्याय के सिद्धांतों के साथ पूरी तरह से मेल खाता है।

साल 1993 से तहखाने में पूजा- पाठ पर रोक लगा दी गई थी। / @satya_AmitSingh

भारत में उत्तर प्रदेश के वाराणसी कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष के दावे को नकारते हुए ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यासजी तहखाने में पूजा का अधिकार हिंदुओं को दे दिया है। कोर्ट ने कहा है कि हिंदू पक्ष व्यास जी तहखाने में नियमित पूजा कर सकते हैं। कोर्ट ने वाराणसी के जिलाधिकारी को 7 दिनों के भीतर पूजा की व्यवस्था करने का आदेश दिया है। विश्व हिंदू परिषद (वीएचपीए), अमेरिका ने अदालत के न्यायपूर्ण निर्णय की गहरी प्रशंसा की है।

VHPA ने कहा कि यह ऐतिहासिक फैसला 1993 में हिंदुओं से अवैध रूप से लिए गए अधिकारों को बहाल करता है। वीएचपीए इस बात को रेखांकित करता है कि यह मामला मूल रूप से संपत्ति के अधिकारों के बारे में है और किसी अल्पसंख्यक समूह के खिलाफ संघर्ष नहीं है। हिंदू पक्ष द्वारा पेश अकाट्य सबूतों पर आधारित यह निर्णय, न्याय के सिद्धांतों के साथ पूरी तरह से मेल खाता है।

बता दें कि साल 1992 तक व्यास जी तहखाने में पूजा नियमित तौर पर होती थी। 6 दिसंबर 1992 को हुए बाबरी मस्जिद ढांचा विध्वंस के बाद तत्कालीन मुलायम सिंह यादव की सरकार ने व्यास जी तहखाने में नियमित पूजा को बंद करने का आदेश दे दिया था। इसके बाद यहां पर सालाना माता श्रृंगार गौरी की पूजा हो रही थी। वादी शैलेश व्यास के अनुसार, उनके नाना सोमनाथ व्यास का परिवार तहखाने में नियमित पूजा-पाठ करता था। साल 1993 से तहखाने में पूजा- पाठ बंद हो गई।

VHPA का कहना है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा किए गए विस्तृत पुरातत्व सर्वेक्षणों ने पहले से ही असंख्य शोध किए हैं, जो यह सुनिश्चित करते हैं कि ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण एक हिंदू मंदिर के ध्वस्त होने के बाद हुआ था। VHPA न्यायालय को इस सबूत के महत्व को मानते हुए और सही फैसला लेने के लिए सराहना करता है।

हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन का कहना है कि यह एक महत्वपूर्ण जीत है, जो सड़क पर प्रदर्शनों की जगह न्याय और कानून के सिद्धांतों का पालन करते हुए अपने अधिकारों के लिए लड़ने के लिए हिंदुओं की प्रतिबद्धता को उजागर करता है।

जिला न्यायाधीश अजय कृष्ण विश्वेश के आदेश में पुजारी के परिवार को पूजा करने का अधिकार दिया गया है। इस फैसले का हिंदू समुदाय ने गर्मजोशी से स्वागत किया है, जबकि मुस्लिम पक्ष हाईकोर्ट में पहुंच गया है। जहां मामले में आगे की सुनवाई अब 6 फरवरी को दोपहर दो बजे होगी।

Comments

Related

ADVERTISEMENT

 

 

 

ADVERTISEMENT

 

 

E Paper

 

 

 

Video