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इथियोपिया में अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन, भारतीय समुदाय एकत्र

आयोजकों ने कहा कि यह महोत्सव अफ्रीका में भारतीय दार्शनिक परंपराओं के प्रति बढ़ती रुचि को प्रदर्शित करता है।

यह कार्यक्रम भारतीय सांस्कृतिक समूहों और इथियोपियाई सहयोगियों के सहयोग से आयोजित किया गया था। / Facebook/@India in Ethiopia

इथियोपिया की राजधानी में अंतररष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन किया गया। यह आयोजन भगवद् गीता की शिक्षाओं पर केंद्रित एक सांस्कृतिक कार्यक्रम था। इस आयोजन में राजनयिक, विद्वान, छात्र, आध्यात्मिक गुरु और प्रवासी भारतीय समुदाय के सदस्य एकत्रित हुए।

यह कार्यक्रम भारतीय सांस्कृतिक समूहों और इथियोपियाई सहयोगियों के सहयोग से आयोजित किया गया था। आयोजकों ने इस महोत्सव को भारत और इथियोपिया के बीच साझा विरासत और सांस्कृतिक जुड़ाव को उजागर करने का एक प्रयास बताया।

इथियोपिया में भारत के राजदूत अनिल राय ने मुख्य भाषण दिया। उन्होंने कहा कि भगवद् गीता धार्मिक पहचान से परे सार्वभौमिक मूल्य रखती है। भगवद् गीता केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं है। यह साहस, स्पष्टता और चरित्र के लिए एक वैश्विक मार्गदर्शक है। इसकी शिक्षाएं संपूर्ण मानवता के लिए हैं और इस महोत्सव में इथियोपिया की भागीदारी हमारे देशों के बीच बढ़ती आध्यात्मिक और सांस्कृतिक मित्रता को दर्शाती है।
 

इथियोपिया में भारत के राजदूत अनिल राय ने मुख्य भाषण दिया। / Facebook/@India in Ethiopia

राय ने कहा कि भारत और इथियोपिया शांति, सहयोग और आपसी सम्मान पर आधारित सभ्यतागत मूल्यों को साझा करते हैं। अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव जैसे आयोजन लोगों के बीच आपसी संबंधों को प्रगाढ़ करते हैं और सांस्कृतिक कूटनीति के लिए नए द्वार खोलते हैं।

सांस्कृतिक गतिविधियों में भारतीय और इथियोपियाई छात्रों द्वारा मंत्रोच्चार सत्र, एक पांडुलिपि प्रदर्शनी, शास्त्रीय नृत्य और संगीत प्रस्तुतियां, शासन और नैतिकता पर पैनल चर्चाएं, और नेतृत्व एवं तनाव प्रबंधन पर केंद्रित युवाओं के लिए कार्यशालाएं शामिल थीं।

इस कार्यक्रम में उपस्थित इथियोपियाई सांस्कृतिक नेताओं ने गीता को नैतिक स्पष्टता का एक शाश्वत मार्गदर्शक बताया। उन्होंने दोनों देशों के बीच निरंतर सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए समर्थन व्यक्त किया।

आयोजकों ने कहा कि इस उत्सव ने अफ्रीका में भारतीय दार्शनिक परंपराओं के प्रति बढ़ती रुचि को प्रदर्शित किया। उन्होंने भविष्य में भी इसी तरह के आयोजनों की योजनाओं का उल्लेख किया। कार्यक्रम का समापन भगवद् गीता के संदेश का हवाला देते हुए शांति के लिए सामूहिक प्रार्थना के साथ हुआ।

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