 ललिता रामकृष्णन को उनके अग्रणी योगदान के लिए 2024 का रॉबर्ट कोच पुरस्कार दिया गया है। / mage- MRC Laboratory of Molecular Biology
                                ललिता रामकृष्णन को उनके अग्रणी योगदान के लिए 2024 का रॉबर्ट कोच पुरस्कार दिया गया है। / mage- MRC Laboratory of Molecular Biology
            
                      
               
             
            तपेदिक के रिसर्च में एक प्रमुख भारतीय-अमेरिकी माइक्रोबायोलॉजिस्ट ललिता रामकृष्णन को इस क्षेत्र में उनके अग्रणी योगदान के लिए 2024 का रॉबर्ट कोच ( Robert Koch) पुरस्कार दिया गया है। लगभग 132,000 USD के साथ इस सम्मान ने 2007 के बाद पहली बार और पुरस्कार के इतिहास में केवल चौथी बार एक महिला को व्यक्तिगत रूप से यह सम्मान मिला है।
ललिता रामकृष्णन वर्तमान में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में इम्यूनोलॉजी और संक्रामक रोगों के प्रोफेसर के रूप में काम कर रही हैं। दुनिया में उन्हें उनके शोध के लिए व्यापक रूप से पहचाना जाता है। इस रिसर्च ने तपेदिक बीमारी के जैविक तंत्रों की समझ को काफी आगे बढ़ाया है। उनके द्वारा विकसित जेब्राफिश मॉडल ने अभूतपूर्व अंतर्दृष्टि प्रदान की है, जिससे नए उपचार रणनीतियां सामने आई हैं।
रॉबर्ट कोच फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. वोल्फगैंग प्लिस्के ने कहा कि 'हमें प्रोफेसर डॉ. ललिता रामकृष्णन को सम्मानित करने में गर्व है। वह एक शीर्ष वैज्ञानिक हैं जो तपेदिक अनुसंधान में अग्रणी काम कर रही हैं।' उन्होंने कहा कि 'तपेदिक एक महत्वपूर्ण वैश्विक स्वास्थ्य चुनौती बनी हुई है। प्रोफेसर रामकृष्णन का अग्रणी शोध इस विनाशकारी बीमारी के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण है।' डॉ. वोल्फगैंग प्लिस्के ने कहा कि यह बीमारी आज भी मौत के प्रमुख कारणों में से एक है। भले ही एक सदी से एक टीका उपलब्ध है और 60 साल से प्रभावी एंटीबायोटिक्स उपलब्ध हैं।
रॉबर्ट कोच फाउंडेशन 1907 में स्थापित किया गया था। यह चिकित्सा अनुसंधान में उत्कृष्ट योगदान को सालाना कई उच्च रैंकिंग वाले पुरस्कारों से सम्मानित करता है। इनमें रॉबर्ट कोच पुरस्कार और रॉबर्ट कोच गोल्ड मेडल शामिल हैं। इस साल रासायनिक जीव विज्ञान में उनके जीवनकाल की उपलब्धियों के लिए विशेष रूप से कैंसर उपचार में प्रतिरोध से लड़ने में स्टुअर्ट एल. श्राइबर को गोल्ड मेडल से सम्मानित किया जाएगा। पुरस्कार समारोह 8 नवंबर, 2024 को बर्लिन में आयोजित किया जाएगा। पोस्ट-डॉक्टरल पुरस्कारों के प्राप्तकर्ताओं की घोषणा इस साल बाद में की जाएगी।
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