भारत की केमिकल बनाने वाली कंपनी वसुंधा फार्मा केम लिमिटेड (VPC) और इसके तीन अधिकारियों को अमेरिका में फेंटानिल प्रीकर्सर के अवैध आयात के आरोप में दोषी ठहराया गया है।
अमेरिकी न्याय विभाग ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इस मामले में कंपनी के चीफ ग्लोबल बिजनेस ऑफिसर तनवीर अहमद मोहम्मद हुसैन पारकर (63), मार्केटिंग डायरेक्टर वेंकट नागा मधुसूदन राजू मंथेना (48) और मार्केटिंग प्रतिनिधि कृष्णा वेरिचर्ला (40) को दोषी ठहराया गया है। इन पर गैरकानूनी घोषित केमिकलों के निर्माण और डिस्ट्रिब्यूशन की साजिश का आरोप है।
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विभाग के मुताबिक, आरोपियों ने मार्च 2024 से लेकर नवंबर 2024 के बीच एन-बीओसी-4पी नामक फेंटानिल प्रीकर्सर केमिकल के डिस्ट्रिब्यूशन की साजिश रची थी। इन लोगों ने जानबूझकर इसे अवैध रूप से अमेरिका में आयात किया। आरोप है कि मार्च से अगस्त 2024 के बीच उन्होंने एक अंडरकवर एजेंट को 25 किलो केमिकल बेचा और अमेरिका व मैक्सिको को चार मीट्रिक टन केमिकल बेचने का भी वादा किया।
तनवीर पारकर और मंथेना को 20 मार्च को न्यूयॉर्क सिटी में फेडरल अधिकारियों द्वारा गिरफ्तार किया गया था। दोषी साबित होने पर इन्हें 10 साल तक की जेल हो सकती है, वहीं VPC कंपनी पांच लाख डॉलर तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
इस मामले की जांच ड्रग एन्फोर्समेंट एडमिनिस्ट्रेशन के मियामी फील्ड डिवीजन और कई संघीय और राज्य एजेंसियों द्वारा मिलकर की जा रही है। न्याय विभाग के नार्कोटिक एंड डेंजरस ड्रग सेक्शन के एक्टिंग डिप्टी चीफ मेलानी आल्सवर्थ, ट्रायल अटॉर्नी जेसी बॉर्न और लर्निक बेगियन इस केस की पैरवी कर रहे हैं।
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