.jpg) भारतीय और अमेरिकी पर्वों के रंग में रंगी प्रिया और रोशनी और उनके परिवार। / Image provided
                                भारतीय और अमेरिकी पर्वों के रंग में रंगी प्रिया और रोशनी और उनके परिवार। / Image provided
            
                      
               
             
            इस साल दिवाली का त्योहार कुछ खास है। इस बार ये हैलोवीन के साथ आया है। प्रिया जानी पटेल और रोशनी शाह जैसी भारतीय-अमेरिकियों ने इन सांस्कृतिक पर्वों को मनाने का अनूठा तरीका निकाला है। उन्होंने इन त्योहारों को एक साथ मिला दिया है।
प्रिया एक ब्यूटी कंटेंट क्रिएटर हैं। उन्होंने दिवाली के त्योहार के एक ट्विस्ट के साथ मनाने का फैसला किया है। वहीं ट्रेवल क्रिएटर रोशनी इस दिवाली और हैलोवीन के मेल को खुशियां बांटने के अवसर के रूप में देखती हैं।
प्रिया कहती हैं कि इस साल पांच दिवसीय दिवाली का त्योहार और हैलोवीन एकसाथ आए हैं। यह संस्कृतियों के सच्चे मैशअप जैसा है। मैंने और मेरे पति ने एक साथ मिल बैठकर सोचा कि किस तरह त्योहारों के इस अनूठे मेल को अनोखेपन के साथ मनाया जाए।
अमेरिका में 16 साल से अधिक वर्षों से रह रहीं रोशनी ने भी कुछ इसी तरह की बातें कहीं। उनका कहना था कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि हम कहां से आए हैं, हम सभी एक समान हैं। दोनों ही त्योहार सकारात्मकता लाते हैं चाहे दिवाली की आध्यात्मिक रोशनी हो या हैलोवीन की सामुदायिक मस्ती।
कनाडा में पली-बढ़ी प्रिया दिवाली को एक पारिवारिक त्योहार के रूप में याद करती हैं। वह बताती हैं कि इस दिन हम लोग बीएपीएस मंदिर में प्रार्थना करने और दिवाली महोत्सवों में हिस्सा लेने जाया करते थे। परिवार के साथ दिन बिताते थे, पूजा पाठ करते थे और स्वादिष्ट भोजन का आनंद लेते थे। घर को सजाने का उत्साह तो रहता ही था।
रोशनी के लिए हैलोवीन का पश्चिमी प्रभाव भी उतना ही महत्वपूर्ण है। अमेरिका में लंबे समय से रहने के वजह से वह मानती हैं कि यह उत्सव हमारे जीवन का हिस्सा बन चुका है लेकिन इससे हमारी भारतीय संबंध खत्म नहीं होता। हैलोवीन समुदाय से जुड़ने का एक चंचल तरीका है जबकि दिवाली बच्चों के साथ अपनी भारतीय विरासत को पोषित करने का जरिया।
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