भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने 7 जून को कहा कि ब्रिटेन के साथ हाल ही में हुआ मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) भारत-ब्रिटेन द्विपक्षीय संबंधों के लिए एक "वास्तविक मील का पत्थर" है। उन्होंने दिल्ली दौरे पर आए अपने ब्रिटिश समकक्ष डेविड लैमी का स्वागत करते हुए यह बात कही।
भारत और ब्रिटेन के बीच यह बहुप्रतीक्षित एफटीए पिछले महीने संपन्न हुआ, जिसकी बातचीत इस साल फरवरी में फिर से शुरू हुई थी। ब्रेक्ज़िट के बाद वैश्विक व्यापार साझेदारियों को मज़बूत करने के लिए ब्रिटेन इस समझौते को अहम मानता है।
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जयशंकर ने कहा, “भारत-ब्रिटेन एफटीए का हालिया निष्कर्ष न केवल हमारे द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को गति देगा, बल्कि हमारे रणनीतिक संबंधों के अन्य पहलुओं पर भी सकारात्मक प्रभाव डालेगा। यह आपूर्ति और मूल्य श्रृंखलाओं को भी सुदृढ़ करेगा।”
इस समझौते के तहत भारत में ब्रिटेन से आयात होने वाले व्हिस्की, कॉस्मेटिक्स और मेडिकल डिवाइसेज़ पर टैरिफ में कटौती की जाएगी। इसके बदले ब्रिटेन भारत से आयातित वस्त्र, जूते और खाद्य उत्पादों (जैसे जमे हुए झींगे) पर शुल्क घटाएगा।
भारत और ब्रिटेन दुनिया की पांचवीं और छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं हैं। दोनों के बीच मौजूदा व्यापार 41 बिलियन पाउंड (लगभग 55 अरब डॉलर) का है और इस साझेदारी से दोनों देशों में 6 लाख से अधिक नौकरियों को समर्थन मिलता है।
दोनों देशों को उम्मीद है कि यह एफटीए उनके बीच व्यापार को 25.5 बिलियन पाउंड तक बढ़ा सकता है और ब्रिटिश अर्थव्यवस्था व वेतन वृद्धि में भी योगदान देगा। डेविड लैमी ने अपने दौरे से पहले कहा था कि भारत के साथ यह समझौता “हमारी महत्वाकांक्षाओं की बस शुरुआत है।”
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