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कनाडा से रिश्ते और खराब, भारतीय राजदूत पर उंगली उठी तो मोदी सरकार ने उठाया ये बड़ा कदम

भारत ने कनाडा के दावे के 'बेतुके आरोप' बताकर खारिज करते हुए कहा कि यह कनाडाई पीएम ट्रूडो की वोट बैंक की राजनीति' पर केंद्रित एजेंडे का हिस्सा है। 

पीएम ट्रूडो इससे पहले कनाडा में सिख अलगाववादी की हत्या में भारतीय एजेंटों का हाथ होने के आरोप लगा चुके हैं। / X @CanadianPM

भारत और कनाडा के रिश्तों में और भी तल्खी आ गई है। कनाडा द्वारा एक जांच के सिलसिले में ओटावा स्थित भारतीय राजदूत पर उंगली उठाए जाने के बाद भारत सरकार ने अपने उच्चायुक्त को वापस बुलाने का फैसला किया है। भारत ने नई दिल्ली में कनाडा के चार्ज द अफेयर्स को तलब करके इसकी जानकारी दे दी है। 

भारतीय विदेश मंत्रालय ने यह प्रतिक्रिया कनाडा द्वारा भारतीय राजदूत और अन्य अधिकारियों को एक जांच के सिलसिले में में 'पर्सन ऑफ इंट्रेस्ट' करार दिए जाने के बाद दी है। भारत ने कनाडा के दावे के 'बेतुके आरोप' बताकर खारिज करते हुए कहा कि यह कनाडा के पीएम ट्रूडो की वोट बैंक की राजनीति' पर केंद्रित एजेंडे का हिस्सा है। 

भारत और कनाडा के संबंध पिछले साल सितंबर से काफी ठंडे हो गए हैं, जब ट्रूडो ने आरोप लगाया था कि कनाडा के पास सिख अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों का हाथ होने के विश्वसनीय सबूत हैं। भारत ने आरोपों से इनकार करते हुए बार-बार कहा है कि कनाडा ने अपने दावे के समर्थन में अब तक कोई सबूत साझा नहीं किया है।

अब सोमवार को भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया कि रविवार को उसे कनाडा से राजनयिक संचार मिला, लेकिन इसमें जांच के बारे में किसी भी विवरण का उल्लेख नहीं किया गया है। मंत्रालय ने कहा कि यह नया कदम उसी कड़ी का हिस्सा है, जो बिना किसी तथ्यात्मक दावों के लगाए जा रहे हैं। इससे अब कोई संदेह नहीं रह जाता कि जांच के बहाने राजनीतिक लाभ के लिए भारत को बदनाम करने की सोची-समझी रणनीति बनाई जा रही है।

मंत्रालय ने कहा कि भारत के पास अब भारतीय राजनयिकों के खिलाफ आरोप गढ़ने के कनाडा सरकार की कोशिशों के जवाब में और कदम उठाने का अधिकार सुरक्षित है। बयान में आरोप लगाया गया है कि ट्रूडो सरकार जानबूझकर हिंसक चरमपंथियों और आतंकवादियों को कनाडा में भारतीय राजनयिकों व सामुदायिक नेताओं का उत्पीड़न करने और धमकाने का अवसर दे रही है।

गौरतलब है कि भारत द्वारा ओटावा से देश में अपनी राजनयिक उपस्थिति कम करने के लिए कहे जाने के बाद कनाडा ने अक्टूबर 2023 में भारत से 40 से अधिक राजनयिकों को वापस बुला लिया था। 

जून में कनाडा के सांसदों की एक समिति ने खुफिया एजेंसियों से मिली जानकारी के आधार पर भारत और चीन को लोकतांत्रिक संस्थानों के लिए प्रमुख विदेशी खतरा बताया था। ओटावा में भारतीय दूत संजय कुमार वर्मा इस रिपोर्ट को राजनीति से प्रेरित और सिख अलगाववादी प्रचारकों से प्रभावित बता चुके हैं। 

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