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भारत की अमेरिका से मांग, सिख संगठन को आतंकी समूह घोषित करें

यह अनुरोध ऐसे समय आया है जब अमेरिका ने पिछले साल नवंबर में अमेरिका में गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कथित साजिश का खुलासा किया था।

भारत सिख फॉर जस्टिस के नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू को आतंकवादी सूची में डाल चुका है।  / image : Reuters

भारत ने अमेरिका से सिख फॉर जस्टिस (SFJ) को आतंकवादी समूह के रूप में लिस्ट करने का अनुरोध किया है। सरकारी सूत्रों के हवाले के बताया गया कि यह मांग भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिका की नेशनल इंटेलिजेंस डायरेक्टर तुलसी गबार्ड के साथ बातचीत के दौरान उठाई।  

यह अनुरोध ऐसे समय आया है जब अमेरिका ने पिछले साल नवंबर में अमेरिका में गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कथित साजिश का खुलासा किया था। बाद में एक पूर्व भारतीय खुफिया अधिकारी पर इस साजिश को अंजाम देने का आरोप लगा था।  

भारत इस साजिश से संबंध होने से इनकार करता रहा है। उसने जांच के लिए एक विशेष समिति भी बनाई थी जिसने जनवरी में एक व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की सिफारिश की थी। भारत का इससे पहले कनाडा में भी एक खालिस्तानी अलगाववादी की हत्या को लेकर राजनयिक विवाद हो चुका है।  

ये भी देखें - ‘अमेरिका फर्स्ट का मतलब अमेरिका अकेला’ नहीं: रायसीना डायलॉग में गैबार्ड

सिख फॉर जस्टिस (SFJ) की स्थापना 2007 में हुई थी। इसका मकसद भारत में खालिस्तान नाम से अलग सिख राष्ट्र की स्थापना कराना है। भारत साल 2019 में SFJ को गैरकानूनी संगठन घोषित कर चुका है। 2020 में इसके नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू को आतंकवादी सूची में डाल दिया है। 

पन्नू ने भारत के आरोपों को खारिज करते हुए बयान में सवाल उठाया कि आतंकवादी कौन है? SFJ जो शांतिपूर्वक और लोकतांत्रिक तरीके से पंजाब को भारतीय कब्जे से आजाद कराने के लिए खालिस्तान जनमत संग्रह कर रहा है? या फिर नरेंद्र मोदी का भारत जो हिंसक तरीकों से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दमन करता है और जनमत संग्रह कराने वालों की हत्या के लिए हिटमैन भेजता है? 

भारतीय रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस मसले पर टिप्पणी से इनकार कर दिया। अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने भी इस पर कोई अतिरिक्त जानकारी नहीं दी और सिर्फ यह कहा कि भारत और अमेरिका के बीच सुरक्षा सहयोग मजबूत करने पर चर्चा हुई।  

नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में तुलसी गबार्ड ने कहा कि अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने भारत के सुरक्षा हितों से जुड़ी गंभीर चिंताओं के बारे में सुना, हालांकि उन्होंने इस पर विस्तार से कुछ नहीं बताया।
 

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