अमेरिका की टैरिफ वृद्धि का असर अब भारत के बाजारों पर पहले से ही दिखने लगा है। अमेरिकी कच्चे तेल के भंडार में उम्मीद से ज्यादा गिरावट तेल की कीमतों में तेजी का स्पष्ट संकेत हैं। भारत सरकार ऊर्जा मंत्रालय के अधीन एनर्जी इन्फॉर्मेशन एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक यूएस की नई टैरिफ दरें लागू होने से पहले ही पिछले हफ्ते अमेरिकी कच्चे तेल का भंडार 24 लाख बैरल घटकर 41.83 करोड़ बैरल घट गया था।
इस सप्ताह बुधवार को तेल वायदा बाजार की बात करें तो ब्रेंट क्रूड वायदा सुबह 10:58 बजे पूर्वी मानक समय (1458 GMT) तक 43 सेंट या 0.6% बढ़कर 67.65 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट क्रूड वायदा 50 सेंट या 0.8% बढ़कर 63.77 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। जबकि इससे ठीक एक दिन पहले दोनों अनुबंधों में मंगलवार को 2% से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई।
इस बीच भारत के वित्त मंत्रालय ने बुधवार को जारी अपनी जुलाई की मासिक आर्थिक समीक्षा की। जिसमें मौजूदा चुनौतियों से निपटने की प्रतिबद्धता जताई गई।
वहीं रूसी तेल आयात जुड़े लोगों के मुताबिक कथित रूप से पिछले सप्ताह अपनी रिफाइनरियों पर हुए हमलों के बाद अगस्त में पश्चिमी बंदरगाहों से कच्चे तेल के निर्यात ना सिर्फ जारी बल्कि इस में करीब 200,000 बैरल प्रति दिन की वृद्धि भी की।
यूएस टैरिफ वृद्धि का भारत के ऊर्जा भंडार पर कितना असर
भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ दरे लागू होने से पहले ही विश्लेषकों ने 19 लाख बैरल की उम्मीद जताई थी। जबकि रॉयटर्स के एक सर्वेक्षण में विश्लेषकों ने 22 लाख बैरल की वृद्धि की जो उम्मीद जताई थी। जबकि इससे भी बढ़कर करीब 24 लाख बैरल डॉलर की कमी भारत के अमेरिकी क्रूड ऑयल भंडार में दर्ज की गई।
जबकि अमेरिकी गैसोलीन भंडार में 12 लाख बैरल की गिरावट आई। EIA के आंकड़ों का जिक्र करें तो डिस्टिलेट भंडार, जिसमें डीजल और हीटिंग ऑयल शामिल हैं, में 885,000 बैरल की वृद्धि की उम्मीद की तुलना में 18 लाख बैरल की गिरावट दर्ज की गई है।
ऊर्जा पर रूस-यूक्रेन संघर्ष फैक्टर हावी
इस बीच रूस और यूक्रेन ने भी एक दूसरे ऊर्जा इंफ्रस्टक्चर को तेजी से निशाना बना रहे हैं, जिससे विदेश व्यापार पर विपरीत असर हो रहा है। एक बयान में यूक्रेनी अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि रूस ने रात में छह यूक्रेनी क्षेत्रों में ऊर्जा और गैस परिवहन बुनियादी ढांचे पर बड़े पैमाने पर ड्रोन हमला किया। इससे पहले यूक्रेन ने हाल के दिनों में रूसी तेल रिफाइनरियों और निर्यात बुनियादी ढांचे पर हमला किया था।
वहीं दूसरी ओर रूस और यूक्रेन के बीच शांति के प्रयास जारी हैं। अमेरिकी विशेष दूत स्टीव विटकॉफ इस सप्ताह न्यूयॉर्क में यूक्रेनी प्रतिनिधियों से मिलेंगे। जबकि वाशिंगटन भी रूस- यूक्रेन संघर्ष पर पूरी तरह विराम लगाने के लिए बातचीत कर रहा है।
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