upi payment / istock
2016 में लॉन्च किए गए UPI के जरिए उपयोगकर्ता विभिन्न बैंकों और ऐप्स के बीच पैसे भेज और प्राप्त कर सकते हैं। IMF ने कहा कि इस ओपन इन्फ्रास्ट्रक्चर ने उपभोक्ताओं को सशक्त बनाया, नवाचार को बढ़ावा दिया और भारत को नकद से डिजिटल लेन-देन की ओर तेजी से ले गया।
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अर्थशास्त्रियों ने कहा, UPI की सफलता का मुख्य कारण इंटरऑपरेबिलिटी है। अधिकांश लेन-देन विभिन्न ऐप्स के बीच होते हैं, जो बंद प्रणालियों में संभव नहीं। 2016 के नोटबंदी अभियान और 2017 में नियामक बदलाव ने भी UPI को गति दी और इसे व्यापक रूप से अपनाया गया। IMF ने यह भी बताया कि सस्ती मोबाइल इंटरनेट, आधार डिजिटल ID और वित्तीय समावेशन योजनाओं ने सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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