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'पीटर नवारो को किया जाए बर्खास्त', HinduPACT ने की मांग

ब्रह्मणों को लेकर की गई टिप्पणी के बाद व्यापार और विनिर्माण नीति कार्यालय के निदेशक पीटर नवारो लगातार हिंदू संगठनों के निशाने पर हैं।

AHAD लोगो और पीटर नवारो /

हिंदूपैक्ट के अमेरिकन हिंदूज अगेंस्ट डिफेमेशन (AHAD) ने ब्राह्मणों के खिलाफ पीटर नवारो के बयान की निंदा की है। संगठन ने एक एक ओपन लेटर जारी किया है। जिसमें नवारो के बयान को नफरत फैलाने वाला बताते हुए उन्हें बर्खास्त करने की मांग की। 

पीटर नवारो व्यापार और विनिर्माण नीति कार्यालय के निदेशक (Director of the Office of Trade and Manufacturing Policy) हैं। उन्होंने हाल ही में ब्राह्मणों पर एक आपत्तिजनकर टिप्पणी की थी। हिंदूपैक्ट ने नफरत फैलाने वाला बताया। उनके इस बयान को लेकर हिंदूपैक्ट ने एक पत्र जारी कर  सार्वजनिक तौर निंदा करते हुए उन पर "भारतीय लोगों की कीमत पर मुनाफा कमाने" का आरोप लगाया। ग्रुप ने समूह ने इन टिप्पणियों को हिंदू समाज को विभाजित करने के लिए औपनिवेशिक काल की घटनाओं का जिक्र किया। 

पत्र जारी करते हुए हिंदूपैक्ट के कार्यकारी अध्यक्ष अजय शाह ने कहा, "पीटर नवारो का बयान कोई यूएस की विदेश नीति नहीं, बल्कि हिंदूफोबिया के तहत सुनियोजित बयान है...जो कि औपनिवेशिक काल की नीतियों की तरह हिंदुओं को बांटने के साथ उन्हें अलग-थलग करने की बात करता है।नवारो जैसे लोगों के लिए अमेरिकी राजनीतिक जीवन में कोई जगह नहीं है।"

नवारों ब्राह्मणो की आलोचना करके जब नहीं थके तो उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री की एक तस्वीर भी प्रसारित की, जिसमें वे भगवा वस्त्र पहने हुए हैं। दरअसल, भगवा वस्त्र पहनना हिंदू धर्म की एक पवित्र परंपरा का अंग रहा है। इस पर हिंदूपैक्ट की अध्यक्ष दीप्ति महाजन ने कहा, "भगवा पवित्र है। प्रार्थना कोई दुष्प्रचार नहीं है। धार्मिक प्रथाओं या नेताओं का मजाक उड़ाना कूटनीति और धार्मिक सम्मान, दोनों को कमजोर करता है।"

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हिंदूपैक्ट के अमेरिकन हिंदूज अगेंस्ट डिफेमेशन (AHAD) नवारो को उनके बयान के लिए आगाह किया है।  AHAD की महासचिव दीपा कार्तिक ने कहा, "जब कोई भारत को शर्मिंदा करने के लिए जाति का इस्तेमाल करता है, तो उसका असर यहां के हिंदुओं पर पड़ता है। बच्चों को धमकाया जाता है। कर्मचारियों पर निशाना साधा जाता है। हमारी विरासत का अब राजनीतिकरण किया जा रहा है।"

समूह ने कहा कि हिंदुओं का उपहास बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अमेरिका में 50 लाख से ज्यादा और भारत में एक अरब से ज्यादा हिंदुओं के लिए एक खतरनाक संदेश है। इससे धार्मिक गरिमा की रक्षा और दो सबसे बड़े लोकतंत्रों के बीच द्विपक्षीय संबंधों पर असर पड़ता है। 

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