शांति और सहयोग के लिए एक नए वैश्विक दृष्टिकोण का आह्वान करते हुए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 जून को कहा कि योग को अंतरराष्ट्रीय नीति के एक उपकरण के रूप में विकसित किया जाना चाहिए। आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में आयोजित 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस योग दिवस को मानवता के लिए योग 2.0 की शुरुआत का प्रतीक माना जाना चाहिए, जहां आंतरिक शांति वैश्विक नीति बन जाती है।
मोदी ने शहर के समुद्र तट पर लगभग पांच लाख प्रतिभागियों के साथ सामूहिक योग कार्यक्रम का नेतृत्व किया। इस वर्ष के समारोह की थीम थी- एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग। थीम व्यक्तिगत कल्याण और पर्यावरणीय स्वास्थ्य के बीच संबंध पर प्रकाश डालती है, जिसके बारे में मोदी ने कहा कि योग इसे स्पष्ट करने में मदद करता है। उन्होंने कहा कि योग हमें सिखाता है कि हम अलग-थलग व्यक्ति नहीं हैं, बल्कि प्रकृति के अभिन्न अंग हैं। शुरुआत में, हम अपने स्वास्थ्य और कल्याण की देखभाल करना सीखते हैं, लेकिन धीरे-धीरे, यह देखभाल हमारे पर्यावरण, समाज और ग्रह तक फैल जाती है।
Yoga isn't just an exercise. It is a way of life. Wonderful to join this year's Yoga Day celebrations in Visakhapatnam. https://t.co/ReTJ0Ju2sN
— Narendra Modi (@narendramodi) June 21, 2025
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने सभी देशों से व्यक्तिगत लाभों से आगे बढ़ने और योग को सार्वजनिक नीति में शामिल करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि योग को केवल एक व्यक्तिगत अभ्यास नहीं रहना चाहिए, बल्कि इसे वैश्विक साझेदारी के माध्यम के रूप में विकसित होना चाहिए। योग को दुनिया को संघर्ष से सहयोग की ओर, तथा तनाव से समाधान की ओर ले जाना चाहिए।
मोदी ने दुनिया भर में बढ़ते तनाव और अस्थिरता की ओर भी इशारा किया और योग को एक ऐसा 'पॉज बटन' बताया जो संतुलन और बहाली प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि योग मानवता के लिए जरूरी पॉज बटन है, ताकि वह सांस ले सके, संतुलन बना सके और फिर से संपूर्ण बन सके।
प्रधानमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की यात्रा पर विचार किया, जब से भारत ने 2014 में संयुक्त राष्ट्र में इसका प्रस्ताव रखा था, जिसे 175 देशों से समर्थन मिला था। उन्होंने कहा कि यह केवल एक प्रस्ताव नहीं था, बल्कि मानवता की भलाई के लिए दुनिया द्वारा सामूहिक प्रयास का प्रतिनिधित्व करता था। ग्यारह साल बाद योग दुनिया भर में लाखों लोगों की जीवनशैली का अभिन्न अंग बन गया है।
उन्होंने अंतरिक्ष में अभ्यास करने वाले वैज्ञानिकों से लेकर ब्रेल में योगिक ग्रंथों को पढ़ने वाले दृष्टिबाधित व्यक्तियों तक योग को व्यापक रूप से अपनाए जाने का हवाला दिया और इसकी सुलभता पर जोर देते हुए कहा- योग सभी के लिए है, सीमाओं से परे, पृष्ठभूमि से परे, उम्र या क्षमता से परे।
पीएम मोदी ने योग को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने के लिए नए कदमों की भी घोषणा की। इनमें ई-आयुष वीजा, मानकीकृत प्रोटोकॉल और देश भर में प्रमाणित योग शिक्षकों की तैनाती शामिल है। उन्होंने कहा कि योग पोर्टल के माध्यम से देश भर में 10 लाख से अधिक कार्यक्रम पंजीकृत किए गए हैं।
अपने समापन भाषण में मोदी ने लोगों को तेल का सेवन कम करने, स्वस्थ खाने की आदतें अपनाने और अपने दिन की शुरुआत योग से करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि योग को मानवता को एक सूत्र में पिरोने का काम करना चाहिए। एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग एक वैश्विक संकल्प बनना चाहिए।
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