संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन ने 20 जून 2025 को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के उत्तरी मैदान में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के 11वें संस्करण का आयोजन किया। इस वर्ष का विषय- एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग, वर्ष 2023 में भारत की जी20 प्रेसीडेंसी के दौरान शुरू किए गए एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य दृष्टिकोण पर आधारित रहा। यह विषय इस महत्वपूर्ण सत्य को रेखांकित करता है कि व्यक्तिगत स्वास्थ्य और धरती का स्वास्थ्य अविभाज्य रूप से जुड़े हुए हैं।
11 दिसंबर, 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में नामित किया। यह प्रस्ताव सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 69वें सत्र में अपने संबोधन के दौरान पेश किया था। इसमें उन्होंने कहा था कि योग केवल व्यायाम के बारे में नहीं है; यह खुद के साथ, दुनिया और प्रकृति के साथ एकता की भावना की खोज करने का एक तरीका है।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की स्थापना करने वाले प्रस्ताव को रिकॉर्ड 175 सदस्य देशों ने समर्थन दिया। तब से, दुनिया भर में लाखों लोग योग के अभ्यास से जुड़कर हर साल इस दिन को मनाते हैं। 2023 में, संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह ने सबसे अधिक राष्ट्रीयताओं के योग उत्साही लोगों की भागीदारी के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पार्वथानेनी हरीश ने अपने आरंभिक भाषण में पिछले कुछ वर्षों में योग की बढ़ती वैश्विक लोकप्रियता के बारे में बात की और भौगोलिक, आयु समूहों और पृष्ठभूमियों में शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक कल्याण के लिए एक शक्तिशाली शक्ति के रूप में इसके विकास को रेखांकित किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि योग, भारत के प्राचीन ज्ञान में निहित है और वसुधैव कुटुम्बकम के सिद्धांत द्वारा निर्देशित है - दुनिया एक परिवार है - शारीरिक गतिविधि से कहीं अधिक है; यह
एक समग्र अनुशासन है जो दैनिक जीवन में आंतरिक संतुलन, मन की शांति और जिम्मेदारी की भावना पैदा करता है।
संयुक्त राष्ट्र में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समिति की अध्यक्ष सुश्री डेनिस स्कॉटो ने समारोह की प्रमुख के रूप में कार्य किया। इस कार्यक्रम में कॉमन योग प्रोटोकॉल सत्र और ‘आर्ट ऑफ लिविंग’ फाउंडेशन द्वारा संगीत के साथ एक उन्नत योग प्रदर्शन शामिल था। डॉ. दीपक चोपड़ा, एक प्रसिद्ध चिकित्सक और एकीकृत कल्याण और आध्यात्मिक बुद्धिमत्ता पर एक अग्रणी विशेषज्ञ के नेतृत्व में एक निर्देशित ध्यान सत्र ने समारोह में गहराई पैदा की।
इस कार्यक्रम में 1,200 से ज़्यादा योग उत्साही लोगों ने हिस्सा लिया, जिनमें संयुक्त राष्ट्र के दूत, कर्मचारी, अधिकारी, विभिन्न योग संगठनों के सदस्य और प्रवासी भारतीय समुदाय के प्रतिनिधि शामिल थे। इस समारोह का सभी उपस्थित लोगों ने उत्साहपूर्वक तालियां बजाकर स्वागत किया और इसकी खूब सराहना की।
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