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'Women in The Dune': कहानी एक शिक्षक की, जिसने रेत से निकाला पानी! दिलचस्प है स्टोरी

वोमेन इन द ड्यून फिल्म की कहानी एक शिक्षक की है जिसे बालू में पाये जाने वाले कीड़ों में रुचि है। वह उन पर शोध कर रहा है। फिल्म में दूसरी पात्र एक ऐसी लेडी है, जो विधवा है और एक सैंड ड्यून यानी बालू के टीले में रहती है।

Women in The Dune Documentary /

जापानी फिल्म वोमेन इन द ड्यून (Women in The Dune) यह दर्शाती है कि तमाम अभावों के बीच जीवन कितना कठिन होती है। रेत के टीले के बीच बने घर में एक शिक्षक फंसे एक शिक्षक की जीवन कुछ ऐसी ही परिस्थितियों को दर्शाता है। 

वोमेन इन द ड्यून फिल्म की कहानी एक शिक्षक की है जिसे बालू में पाये जाने वाले कीड़ों में रुचि है। वह उन पर शोध कर रहा है। फिल्म में दूसरी पात्र एक ऐसी लेडी है, जो विधवा है और एक सैंड ड्यून यानी बालू के टीले में रहती है। दरअसल, सैंड ड्यून आम तौर पर समुद्र के किनारे बहती हवाओं से बनतें है या फिर रेगिस्तान में तेज हवाओं के चलने से। 

फिल्म में महिला का करेक्टर बेहद संघर्षशील है। स्टोरी के कथानक पर नजर डालें तो महिला पात्र जीवन यापन के लिए बालू काट कर इस ड्यून से थोड़ी दूर बसे गाँव के लोगों को देती है। जिसे बेच कर वे अपना जीवन यापन करते हैं और बदले में इसे महीनें का राशन-पानी देते हैं। इस महिला के बच्चे और पति इसी बालू में दब कर मर गए थे। तब से वो अकेली रह रही है। 

कहानी की असल शुरुआत तब होती है जब एक शोध करने वाला शिक्षक महिला के गांव पहुंचता है। दरअसल, ये शिक्षक कीड़ों (Insects) पर रिसर्च कर रहा है। फिल्म शिक्षक जीवन से जुड़ी उस घटना को लेकर जब वह बालू में पाए जाने वाले कीड़ों की रिसर्च के लिए एक गांव के पास बालू के टीले के पास गया था। वहां से शिक्षक जब निकलने वाला था तो बस मिस हो गई। ऐसे में शिक्षक को गांव वाले उस रात एक महिला के यहां ठहराते हैं, जो विधवा है। महिला का घर बालू के टीले के बीच एक गुफानुमा बना था।  

स्टोरी की बात करें तो इसकी बेहतरीन सिनेमेटोग्राफी, बैकग्राउंड स्कोर और पात्रों का अभिनय आपको रोमांच से भरते रहते हैं। फिल्म में सिनेमेटोग्राफी, क्लोज अप शॉट, पात्रों के चयन समेत सभी अन्य कार्य उम्दा हैं। इस फिल्म को निर्देशक हिरोसी टेसीगहारा ने अपने पूरे टैलेंट का इस्तेमाल किया है। फिल्म की एडिटिंग भी कमाल की है। 

फिल्म का कथानक दर्शक मंत्रमुग्ध
फिल्म में किसी भी दृश्य को जरूरत से ज्यादा खिंचा नहीं गया है चाहे ड्रमेटिक हो या वह लव मेकिंग ही क्यों ना हो। 

 

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