शॉनी स्टेट यूनिवर्सिटी (SSU) की इतिहास एवं धार्मिक अध्ययन की प्रोफेसर डॉ. लावण्या वेमसानी ने हाल ही में भारतीय इतिहास पर आधारित अपनी दो नई पुस्तकें प्रकाशित की हैं—“Reframing India in World History” और “Handbook of Indian History”।
Lexington Press और Bloomsbury द्वारा प्रकाशित “Reframing India in World History” पुस्तक भारत की स्वदेशी सभ्यताओं के ढांचों का अध्ययन करती है और प्राचीन काल से लेकर वर्तमान तक की भारतीय इतिहास की यात्रा को नई दृष्टि से प्रस्तुत करती है। यह पुस्तक पुराने ऐतिहासिक सिद्धांतों की पुनः समीक्षा करती है और नवीन साक्ष्यों के आधार पर उन्हें पुनर्परिभाषित करती है।
डॉ. वेमसानी ने कहा, “यह पुस्तक मेरे एक दशक से अधिक के शोध का परिणाम है। मैंने इसे उपनिवेशित देशों को समर्पित किया है क्योंकि यद्यपि औपनिवेशिक शासन समाप्त हो चुका है, परंतु बहुत से स्वतंत्र राष्ट्र अब भी औपनिवेशिक ज्ञान के बोझ से दबे हुए हैं जिसे नष्ट किए बिना सच्ची स्वतंत्रता प्राप्त नहीं की जा सकती।”
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वहीं दूसरी पुस्तक “Handbook of Indian History”, जो Springer द्वारा प्रकाशित की गई है, भारतीय इतिहास के विस्तृत कालक्रम को नवीन दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करती है। यह पुस्तक प्राचीन इतिहास से लेकर स्वतंत्रता संग्राम और स्वतंत्रता के बाद के भारत तक की घटनाओं का विश्लेषण करती है और नये शोधों से समर्थित है।
डॉ. वेमसानी ने कहा, “यह पुस्तक वैश्विक स्तर के विद्वानों के सहयोग से तैयार की गई है और भारतीय इतिहास के महत्त्वपूर्ण विषयों पर नया प्रकाश डालती है। इन दोनों पुस्तकों का उद्देश्य औपनिवेशिक प्रभाव से भारतीय इतिहास को मुक्त करना है।”
2006 से SSU में पढ़ा रही डॉ. वेमसानी को उनके शोध व शिक्षण के लिए कई बार सराहा गया है। वर्ष 2021 में उन्हें प्रतिष्ठित Fulbright U.S. Scholar Program के तहत इतिहास में अनुसंधान कार्य हेतु सम्मानित किया गया था।
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