हार्वर्ड विश्वविद्यालय में जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जमकर निंदा की गई। हार्वर्ड केनेडी स्कूल के छात्रों की ओर लिखे दो पत्र में हार्वर्ड विश्वविद्यालय के अध्यक्ष से धार्मिक-आधारित आतंकवाद के खिलाफ रुख अपनाने के साथ विश्वविद्यालय से पाकिस्तानी सरकार के लोगों को सम्मेलन में बोलने की अनुमति देने पर पुनर्विचार करने का भी आह्वान किया गया।
धर्म आधारित आतंक के खिलाफ एक्शन की मांग
पहलगाम हमले के बाद छात्रों ने हार्वर्ड से हिंदुओं के साथ खड़े होने की मांग की है। छात्रों की ओर से यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष को लिखे दो पत्र में से एक पत्र हार्वर्ड विश्वविद्यालय के अध्यक्ष को जबकि दूसरा विदेश मंत्री मार्क रुबियो को भेजा गया है। पत्र में धर्म आधारित आतंकवाद की निंदा के साथ इसके खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की गई।
पाकिस्तान सम्मेलन 2025 से पहले हार्वर्ड के छात्रों की मांग
27 अप्रैल को हार्वर्ड विश्वविद्यालय में आयोजित पाकिस्तान सम्मेलन 2025 से पहले के दिनों में, हार्वर्ड केनेडी स्कूल के छात्रों ने दो ज़रूरी पत्र जारी किए। एक हार्वर्ड के वरिष्ठ नेतृत्व को संबोधित और दूसरा अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो को - जिसमें इस कार्यक्रम में पाकिस्तानी अधिकारियों की भागीदारी के खिलाफ़ सख्त कार्रवाई करने का आह्वान किया गया।
दरअसल, 25 अप्रैल को की गई उनकी अपीलें जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद आई हैं, जिसमें प्रतिबंधित पाकिस्तान स्थित समूह लश्कर-ए-तैयबा (LeT) से जुड़े आतंकवादियों ने हिंदुओं की हत्या कर दी थी। बचे हुए लोगों ने बताया कि कैसे हमलावरों ने धार्मिक पहचान की मांग की और इस्लामी प्रार्थनाएँ न पढ़ पाने वालों को मार डाला।
यह भी पढ़ें:
UN Ivy League: भारत में पहली हाई स्कूल मॉडल UN कॉन्फ्रेंस, चितकारा यूनिवर्सिटी करेगी मेजबानी
'Women in The Dune': कहानी एक शिक्षक की, जिसने रेत से निकाला पानी! दिलचस्प है स्टोरी
पाकिस्तानी सरकार के खिलाफ आवाज उठाने की मांग
हार्वर्ड के अध्यक्ष डॉ. एलन गार्बर, प्रोवोस्ट जॉन मैनिंग और डीन जेरेमी वेनस्टीन को संबोधित पहले पत्र में, छात्र सुरभि तोमर और अभिषेक चौधरी ने हमले की निंदा की और हार्वर्ड से हत्याओं की सार्वजनिक रूप से निंदा करने का आग्रह किया। सुरभि तोमर और अभिषेक चौधरी ने विश्वविद्यालय से पाकिस्तानी सरकार के लोगों को सम्मेलन में बोलने की अनुमति देने पर पुनर्विचार करने का भी आह्वान किया। उन्होंने पत्र में लिखा, "हार्वर्ड को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उसका परिसर राज्य द्वारा समर्थित धार्मिक आतंकवाद को उचित ठहराने का मंच न बने"।
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login