भारतीय-अमेरिकी प्रतिनिधि वर्जीनिया से सुहास सुब्रहमण्यम (वर्जीनिया) और कैलिफोर्निया से अमी बेरा ने 1 अक्टूबर को घोषणा की कि वे मौजूदा संघीय सरकारी शटडाउन के दौरान अपना संसदीय वेतन स्वीकार नहीं करेंगे। दोनों नेताओं ने कहा कि यह कदम उन संघीय कर्मचारियों के प्रति न्याय की भावना से उठाया गया है, जिन्हें वेतन नहीं मिल रहा है।
मालूम हो कि 1981 के बाद से यह शटडाउन अब जाकर लगा है। यह 15वीं बार है जब शटडाउन लगा है। यह आधी रात को तब शुरू हुआ जब कांग्रेस धन आवंटन पर सहमति नहीं बना सकी। डेमोक्रेट्स ने स्वास्थ्य नीति में बदलावों की मांग की जबकि रिपब्लिकन और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इसका विरोध किया। नतीजतन बजट गतिरोध पैदा हुआ। इस बंदी के कारण सैकड़ों हजारों कर्मचारियों को जबरन छुट्टी (furlough) पर भेजा गया है। वहीं TSA एजेंट्स और इमिग्रेशन अधिकारियों जैसे आवश्यक कर्मचारी बिना वेतन काम कर रहे हैं।
संविधान के अनुच्छेद I, धारा 6 के तहत शटडाउन के दौरान भी कांग्रेस सदस्यों को वेतन मिलता रहता है क्योंकि यह स्थायी विनियोग से दिया जाता है। इस व्यवस्था को बदलने के लिए कई बार प्रयास किए गए हैं लेकिन अब तक कोई कानून नहीं बन पाया।
ऐसे में वर्जीनिया के 10वें जिले के प्रतिनिधित्व करने वाले सुहास ने कहा है कि वे अपने प्रभावित मतदाताओं के साथ एकजुटता दिखाने के लिए वेतन नहीं लेंगे। उनके क्षेत्र में 36,000 से अधिक संघीय कर्मचारी और कॉन्ट्रैक्टर हैं।
उन्होंने कहा कि सरकारी शटडाउन वर्जीनिया की परिवारों और छोटे व्यवसायों के लिए विनाशकारी होते हैं। जबकि रिपब्लिकन इस शटडाउन को थोप रहे हैं और संघीय कर्मचारी तथा कॉन्ट्रैक्टर बिना वेतन के रह गए हैं। मैं वेतन स्वीकार नहीं करूंगा और उन पुरुषों और महिलाओं के लिए खड़ा रहूंगा जो हमारे समुदायों की रक्षा करते हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि यह शटडाउन पूरी तरह से टाला जा सकता था और मैं रिपब्लिकन की बजट पास करने में अक्षमता से पीड़ित वर्जीनिया के लोगों के लिए लड़ाई जारी रखूंगा। सुब्रहमण्यम ने यह भी दोहराया कि वे उस कानून का समर्थन करते हैं जो शटडाउन के दौरान कांग्रेस के वेतन को रोक देगा और प्रभावित कर्मचारियों व कॉन्ट्रैक्टर्स को अतिरिक्त लाभ देगा।
ऐसे ही कैलिफोर्निया के 6ठे जिले का प्रतिनिधित्व करने वाले अमी बेरा ने भी अपना वेतन रोकने का अनुरोध किया। हाउस की मुख्य प्रशासनिक अधिकारी कैथरीन स्प्जिंडर को लिखे एक पत्र में बेरा ने लिखा कि मुझे बताया गया है कि मौजूदा संघीय सरकारी शटडाउन के बावजूद कांग्रेस के सदस्यों को वेतन मिलता रहेगा। कांग्रेस के सदस्यों के साथ भी वही व्यवहार होना चाहिए जैसा कि अन्य संघीय कर्मचारियों और सैनिकों के साथ हो रहा है जिन्हें मजबूरन बिना वेतन काम करना पड़ रहा है। कृपया मेरा वेतन तब तक रोकें जब तक सरकार को दोबारा खोलने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर नहीं हो जाते।
बेरा ने एक्स पर भी लिखा कि आज मैंने औपचारिक रूप से अनुरोध किया कि मेरा वेतन तब तक रोका जाए जब तक संघीय सरकार फिर से नहीं खुलती। जब हमारे सैनिकों और संघीय कर्मचारियों को शटडाउन के दौरान बिना वेतन काम करना पड़ रहा है, तब कांग्रेस के सदस्यों को भुगतान मिलना गलत है।
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