मध्यप्रदेश और राजस्थान से हृदय विदारक खबर पढ़ने को मिली। कुछ बच्चे कफ सिरप की वजह से इस दुनिया से चले गए। भारत में चिकित्सा और दवाइयां सस्ती हैं पर उनमें लापरवाही बहुत है। मेरा अनुभव अपने बच्चों को लेकर एक दो बार ठीक नहीं रहा है।
अमेरिका से भारत यात्रा के दौरान अमूमन बच्चों को फूड पॉइजनिंग हो जाती है। ऐसे में उल्टी के साथ पेट भी ख़राब हो जाता है। डॉक्टर को दिखाओ तो पांच-सात दवाइयां लिख देंगे। अब बच्चों की और हालत खराब। दवा की गर्मी, ज्यादा उल्टी आदि की समस्या। भारत में मैंने पाया है कि जो डॉक्टर जितनी दवा लिखेगा उतना अच्छा। गांवों में तो पाया है बिना सुई लगाए या पानी चढ़ाए इलाज ही पूरा नहीं होता। हालांकि लोग अब जागरूक हो रहे हैं। यह अब यह कम हो रहा है।
अमेरिका में दवा और डॉक्टर के साथ बड़ी सख्ती है। यही वजह है की एक डॉक्टर अगर दूसरे मर्ज का इलाज भी जानता है तो आपको बताएगा नहीं। कहेगा उससे रिलेटेड डॉक्टर के पास जाओ। कई बार यह परेशान करने वाला होता है। फिर खास कर बच्चों के मामले में यहां कोई डॉक्टर किसी तरह का रिस्क नहीं लेता।
अमेरिका के स्वास्थ्य विभाग की एजेंसी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) के मुताबिक़ ज्यादातर मामलों में जुकाम का बच्चों पर गंभीर असर नहीं होता। ऐसे में पहली बार में डॉक्टर पानी, वॉर्म लिक्विड, वॉर्म वाटर बाथ और रेस्ट की सलाह भर देते हैं। कई मामलों में बच्चे ख़ुद ठीक हो जाते हैं। और कई बार ओवर द काउंटर मामूली डोज की दवा रिकमेंड करते हैं।
वहीं अगर बच्चे का जुकाम-खांसी एक सप्ताह से ज्यादा है और वह सुस्त हो रहा है तो सेलाइन नोज ड्रॉप या स्प्रे की सलाह देते हैं। इसके साथ कूल मिस्ट ह्यूमिडीफाइर की सलाह दी जाती है। वहीं अगर बच्चा एक साल से कम उम्र का है और जुकाम-खांसी से परेशान है तब बल्ब सिरिंज का इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं।
अमेरिका में चार साल से कम उम्र के बच्चों के लिए कफ सिरप रिकमेंड नहीं है। ओवर द काउंटर हनी-जिंजर/ लेमन आदि सिरप नेचुरल/हर्बल मिलता है। उसे लेकर आप दे सकतें हैं।
कुल मिला कर यहां बेहद बेसिक और कम डोज की दवा ही आप खुद से खरीद सकते हैं। बाक़ी के लिए आपको डॉक्टर प्रिस्क्रिप्शन की जरूरत होगी। और ध्यान रहे वह महंगी होगी। इसलिए यहां डॉक्टर भी प्रारंभिक लक्षण में आराम, लिक्विड डाइट आदि की सलाह देते हैं। दवा का नंबर बाद में आता है।
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