यूएस में पिछले वर्ष हुए राष्ट्रपति चुनाव में जो बाइडेन को उम्मीदवारी का फैसला एक लापरवाही था। ये बात पूर्व उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने अपनी एक किताब में किया है। यह पुस्तक इस सप्ताह बुधवार को जारी की गई। जिसके एक हिस्से में उन्होंने लिखा है कि अगर उनसे पूछा जाता कि बाइडेन के चुनाव लड़ने का मौका दिया जाना चाहिए या फिर नहीं, तो उनका जवाब ना ही होता।
पर्व उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने अपने संस्मरण '107 डेज' में हैरिस ने राष्ट्रपति चुनाव के दौरान अपने कैंपेन और असफलता के कारणों पर खुलकर विचार रखे। दरअसल, यह एक संस्मरण है। जिसका अनावरण हैरिस ने कैलिफोर्निया के गवर्नर पद के लिए अपनी दावेदारी से इनकार करने के एक दिन बाद किया। पुस्तक वर्ष 2024 में हुए राष्ट्रपति चुनाव के दौरान 107 दिनों के उथल-पुथल भरे चुनावी अभियान पर आधारित है।
हैरिस की इस पुस्तक "107 Days" का एक अंश पत्रिका 'द अटलांटिक' में प्रकाशित किया गया। जिसमें हैरिस ने लिखा है, "व्हाइट हाउस के सभी लोगों में से, मैं यह तर्क देने के लिए सबसे कमजोर स्थिति में थी कि उन्हें चुनाव नहीं लड़ना चाहिए। मुझे पता था कि अगर मैंने उन्हें चुनाव न लड़ने की सलाह दी, तो यह उनके लिए बेहद स्वार्थी साबित होगा।"
बाइडेन के चुनाव लड़ने के फैसले को लेकर हैरिस ने 107 डेज में आगे लिखा, "'यह जिल का फैसला था, जिसे हम सबने मंत्र की तरह माना, ऐसा लगा कि मानो हम सब सम्मोहित हो गए हों। लेकिन क्या यह शालीनता थी, या लापरवाही? पीछे मुड़कर देखने पर, मुझे लगता है कि यह लापरवाही थी।"
अपनी किताब में, हैरिस ने इस बात से इनकार किया है कि बाइडेन की उम्र संबंधी कमियों को छिपाने के लिए व्हाइट हाउस ने कोई साजिश रची थी, जिसे उन्होंने उनके राष्ट्रपति अभियान के तेज होने के साथ और भी स्पष्ट होते जाने वाला बताया।
"अपने सबसे बुरे दिन में भी, वह डोनाल्ड ट्रंप के सबसे अच्छे दिन की तुलना में ज्यादा इंटेलिजेंट, ज्यादा निर्णय लेने में सक्षम और अधिक दयालु थे...लेकिन 81 साल की उम्र में वे राजनीति से खुद ही पीछे हट गए।"
बता दें कि बाइडेन अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में सेवा करने वाले अब तक के सबसे उम्रदराज व्यक्ति थे। वे अब 82 साल के हो चुके हैं। बाइडेन को प्रोस्टेट कैंसर की बीमारी है।
बता दें कि डेमोक्रेट बाइडेन ने रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ बहस में खराब प्रदर्शन के बाद 21 जुलाई, 2024 को अपना पुनर्निर्वाचन अभियान समाप्त कर दिया था। इस प्रदर्शन के बाद उनके सहयोगियों और पार्टी अधिकारियों ने सार्वजनिक रूप से सवाल उठाया था कि क्या वह पूरा अभियान जारी रख पाएंगे?
बाद में 60 वर्षीय हैरिस डेमोक्रेटिक उम्मीदवार बनीं। लेकिन उनके पास अमेरिकी जनता के सामने अपनी बात रखने के लिए महज 107 दिन थे। नवंबर में हुए चुनाव में वह अब 79 वर्षीय ट्रंप से हार गईं। इसके बाद उन्होंने जुलाई में कहा था कि वे कैलिफोर्निया के गवर्नर पद के लिए चुनाव नहीं लड़ेंगी।
यह भी पढ़ें: Rare Earth Deal: भारत के साथ म्यांमार के विद्रोही! चीन के प्रतिबंधों का सटीक तोड़
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login