भारत और अमेरिका के बीच रक्षा सहयोग और लेकर एक और अहम डील अंतिम चरण में है। ट्रम्प प्रशासन ने भारत को 131 मिलियन डॉलर का इंडो-पैसिफिक मैरीटाइम डोमेन अवेयरनेस सॉफ्टवेयर बेचने को मंजूरी दे दी है। अमेरिका की रक्षा क्षेत्र से जुड़ी एजेंसी ने एक बयान में कहा है कि प्रस्तावित डील अमेरिका-भारतीय रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने और रक्षा साझेदार भारत के साथ यूएस की विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा का हिस्सा है।
ट्रम्प प्रशासन ने इस सप्ताह बुधवार को भारत को इंडो-पैसिफिक मैरीटाइम डोमेन अवेयरनेस (IMPDA) और संबंधित उपकरणों की बिक्री को मंजूरी दे दी, जिसकी अनुमानित लागत 131 मिलियन डॉलर है। यूएस की रक्षा सुरक्षा सहयोग एजेंसी ने एक अधिसूचना में कहा, "भारत और अमेरिकी के बीच प्रस्तावित सौदा भारत की समुद्री क्षेत्र जागरूकता, विश्लेषणात्मक क्षमताओं और रणनीतिक स्थिति को मजबूत करके वर्तमान और भविष्य के खतरों से निपटने की क्षमता में सुधार करेगी।"
एजेंसी ने अधिसूचना में आगे कहा, "इंडो-पैसिफिक और दक्षिण एशिया क्षेत्रों में राजनीतिक स्थिरता, शांति और आर्थिक प्रगति के लिए एक महत्वपूर्ण शक्ति बनी हुई है। प्रस्तावित डील के जरिए भारत के लिए वस्तुओं और सेवाओं को अपने सशस्त्र बलों में शामिल करने में कोई कठिनाई नहीं होगी। मैरीटाइम डोमेन अवेयरनेस सॉफ्टवेयर के उपयोग से सैन्य क्षेत्र के संतुलन पर असर नहीं होगा।
क्या है इंडो पैसिफिक मैरीटाइम डोमेन अवेयरनेस (IMPDA) सॉफ्टवेयर?
समुद्री सीमा पर निगरानी तेज करने और रक्षा को क्षेत्र में मजबूती लाने के लिए वर्ष 2022 में यह पहल क्वाड देशों भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के साथ मिलकर शुरू की गई थी। इसके तहत हिंद महासागर-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री डोमेन जागरूकता बढ़ाने और इसके महत्वपूर्ण जलमार्गों में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए एक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया गया है।
इंडो पैसिफिक मैरीटाइम डोमेन अवेयरनेस (IMPDA) की पहल के तहत क्षेत्रीय सूचना केंद्र के साथ एकीकृत और लागत प्रभावी समुद्री क्षेत्र प्रदान को सहयोग के जरिए बढ़ावा दिया जा रहा है। इससे समु्द्री सीमा पर अवैध मछली पकड़ने पर निगरानी रखी जा सकेगी।
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