भारत का उभरता हुआ एविएशन सेक्टर अब किराए की नीति को लेकर सवालों के घेरे में है। संसद की परिवहन, पर्यटन और संस्कृति संबंधी स्थायी समिति ने एयरलाइंस पर 'शिकार करने जैसी प्राइसिंग' का आरोप लगाया है। समिति का कहना है कि यह न केवल उपभोक्ताओं के हितों के खिलाफ है, बल्कि लंबे समय में बाजार की स्थिरता और प्रतिस्पर्धा दोनों को नुकसान पहुंचा सकता है।
किराए तय करने का खेल
समिति ने रिपोर्ट में कहा कि एयरलाइंस एल्गोरिद्म आधारित डायनैमिक प्राइसिंग सिस्टम का इस्तेमाल करती हैं, जो पारदर्शी नहीं है। एयरलाइंस अक्सर टिकट को असामान्य रूप से सस्ते दामों पर बेचकर प्रतिस्पर्धियों को पीछे छोड़ देती हैं और फिर डिमांड बढ़ने पर अचानक भारी बढ़ोतरी कर देती हैं।
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त्योहारों, छुट्टियों या आपात स्थितियों में अचानक किराए बढ़ा देना यात्रियों को उलझन में डालता है और छोटे एयरलाइंस को प्रतिस्पर्धा से बाहर कर देता है। समिति ने कहा कि यह 'वाइल्ड वेस्ट' जैसी स्थिति पैदा कर रहा है, जहां कोई नियम-कानून लागू नहीं हो रहे।
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