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एरिजोना यूनिवर्सिटी के APME प्रोग्राम में 3 भारतीय मूल के छात्रों का चयन

एरिजोना यूनिवर्सिटी की अनुमान है कि 2030 तक 2,000 डॉक्टरों की कमी हो जाएगी। APME कार्यक्रम इस स्थिति से निपटने का एक प्रयास है।

एरिजोना यूनिवर्सिटी का APME कार्यक्रम भविष्य में चिकित्सकों की कमी को पूरा करने का एक प्रयास है। /

एरिजोना विश्वविद्यालय का APME कार्यक्रम उन विद्यार्थियों के लिए खास है जो मेडिकल की पढ़ाई करना चाहते हैं। इसके तहत हर वर्ष केवल दस हाई स्कूल सीनियर छात्र यानी 12वीं के विद्यार्थियों का चयन किया जाता है। इस वर्ष एरिजोना मेडिकल यूनिवर्सिटी ने BASIS परिसरों के चार छात्रों का चयन किया है। एक बयान में एरिजोना यूनिवर्सिटी ने कहा, राज्य भर में प्राथमिक उपचार के लिए चिकित्सकों की सबसे अधिक आवश्यकता है, क्योंकि वर्ष 2030 तक 2,000 डॉक्टरों की कमी हो जाएगी। एपीएमई कार्यक्रम इसी कमी को पूरा करने के लिए किए जा रहे प्रयासों का एक हिस्सा है।

भारतीय मूल के जिन तीन छात्रों का चयन यूनिवर्सिटी ऑफ एरिजोना कॉलेज ऑफ मेडिसिन-टक्सन के एक्सेलरेटेड पाथवे टू मेडिकल एजुकेशन (APME) कार्यक्रम के लिए किया गया है, वे सभी BASIS चार्टर स्कूलों के हैं। इसमें BASIS ओरो वैली से निशिता करिकट्टी, BASIS पियोरिया से सुदीप वट्टीकुटी, टक्सन नॉर्थ से कार्तिक ऐनापुरापु और फीनिक्स से एक छात्र को शामिल किया गया है। APME कार्यक्रम के तहत स्नातक और मेडिकल डिग्री पूरी करने की व्यवस्था है। हालांकि APME कार्यक्रम के तहत चयनित होने के लिए कुछ अहम शर्तें भी हैं। छात्रों को एडमिशन के लिए शैक्षणिक और व्यावसायिक मानकों को पूरा करना होता है।

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