दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनी गूगल (Google) भारत में अपना पहला और अब तक का सबसे बड़ा डेटा सेंटर स्थापित करने जा रही है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, गूगल 6 अरब डॉलर (करीब 50,000 करोड़ रुपये) का निवेश करके आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में 1 गीगावॉट क्षमता वाला डेटा सेंटर और उससे जुड़ा पावर इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करेगा।
इस प्रोजेक्ट में 2 अरब डॉलर केवल रिन्यूएबल एनर्जी यानी अक्षय ऊर्जा के निर्माण पर खर्च किए जाएंगे ताकि डेटा सेंटर को ग्रीन एनर्जी से चलाया जा सके। यह निवेश गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट का भारत में पहला ऐसा बड़ा कदम है और एशिया में अब तक का सबसे बड़ा डेटा सेंटर बनने जा रहा है।
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डेटा सेंटर के जरिए आंध्र में निवेश को मिलेगा बढ़ावा
गौरतलब है कि आंध्र प्रदेश को 2014 में विभाजित कर अलग तेलंगाना राज्य बनाया गया था, जिसमें हैदराबाद चला गया। इसके बाद से आंध्र सरकार नई राजधानी के साथ निवेश आकर्षित करने की कोशिश कर रही है। राज्य के IT मंत्री नारा लोकेश ने बताया कि अब तक 1.6 गीगावॉट की डेटा सेंटर क्षमता के लिए निवेश सुनिश्चित हो चुका है और अगले 5 वर्षों में यह आंकड़ा 6 गीगावॉट तक पहुंचाने का लक्ष्य है।
भारत के डेटा इंफ्रास्ट्रक्चर में ऐतिहासिक बदलाव
अभी भारत में कुल 1.4 गीगावॉट क्षमता के डेटा सेंटर ऑपरेशनल हैं। आंध्र का अकेला निवेश इससे ज्यादा होगा। सरकार विशाखापत्तनम में तीन अंडरसी केबल लैंडिंग स्टेशन भी बना रही है ताकि डेटा एक्सचेंज स्पीड और कनेक्टिविटी मुंबई से दोगुनी हो सके। लोकेश के मुताबिक, इस इंडस्ट्री की ऊर्जा ज़रूरतें अगले पांच वर्षों में 10 गीगावॉट तक पहुंच सकती हैं, जिसमें अधिकतर हिस्सा ग्रीन एनर्जी से पूरा किया जाएगा। हालांकि, कुछ हिस्सा कोल-बेस्ड पावर से भी पूरा किया जाएगा ताकि 24x7 ऊर्जा मिलती रहे।
Google और अल्फाबेट की ओर से फिलहाल कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं आई है। नारा लोकेश फिलहाल सिंगापुर में हैं और उन्होंने गूगल के निवेश पर कुछ नहीं कहा लेकिन उन्होंने यह ज़रूर बताया कि अक्टूबर में कई बड़े निवेशों का ऐलान होगा।
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