भारत और यू.के. ने तीन वर्षों की लंबी बातचीत और विचार-विमर्श के बाद अपने मुक्त व्यापार समझौते यानी फ्री टैग एग्रीमेंट (FTA) को अंतिम रूप दे दिया है। यह समझौता, जिसे हाल के वर्षों में दोनों देशों द्वारा हस्ताक्षरित सबसे व्यापक व्यापार सौदों में से एक माना जा रहा है, न केवल व्यापार और निवेश को लेकर बल्कि यू.के. में काम करने वाले अनिवासी भारतीयों ( Non-Resident Indians,NRIs) को भी एक बढ़ावा मिलेगा।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समझौते पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ये "ऐतिहासिक समझौते हमारी व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करेंगे तथा हमारी दोनों अर्थव्यवस्थाओं में व्यापार, निवेश, विकास, रोजगार सृजन और नवाचार को बढ़ावा देंगे"
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने इस प्रावधान के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि एफटीए "हमारे मूल हितों की रक्षा करता है, साथ ही वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में भारत की अधिक भागीदारी के लिए द्वार खोलता है"यही नहीं वित्तीय बोझ को कम करके, गतिशीलता को सुविधाजनक बनाकर और नई नौकरी के अवसर खोलकर, यह समझौता दोनों देशों के बीच मजबूत, गहरे लोगों के बीच संबंधों की नींव रखेगा".
FTA समझौते को लेकर आया USISPF ने दी बधाई
US इंडिया स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप फोरम (USISPF) ने भारत और यूनाइटेड किंगडम की सरकारों को ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को अंतिम रूप देने पर बधाई दी है। यह समझौता दोनों देशों के आर्थिक संबंधों को मजबूत करने और विकास को बढ़ावा देने का कार्य दर्शाएगा।
दोहरे सामाजिक सुरक्षा भुगतान से राहत
इस समझौते के केंद्र में एक प्रावधान है जो हजारों भारतीय पेशेवरों के लिए महत्वपूर्ण वित्तीय प्रभाव डाल सकता है। बता दें, एफटीए के दोहरे योगदान समझौते के तहत, यू.के. में अस्थायी रूप से तैनात भारतीय पेशेवरों और उनके नियोक्ताओं को तीन साल की अवधि के लिए सामाजिक सुरक्षा अंशदान का भुगतान करने से छूट दी जाएगी। इससे दोहरे भुगतान का बोझ खत्म हो जाएगा, जिसका सामना भारतीय कामगारों को भारत और यू.के. दोनों में योगदान करते समय लंबे समय से करना पड़ रहा है।
बता दें, भारत-ब्रिटेन एफटीए, जिसका फोकस व्यापार उदारीकरण (liberalization) और दोहरे योगदान समझौते के माध्यम से व्यावसायिक गतिशीलता को बढ़ाने पर है, दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को गहरा करने का प्रतीक है और इससे महत्वपूर्ण आर्थिक और लोगों से लोगों के बीच लाभ को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
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