भारत अब न सिर्फ अपनी जनता को तकनीक से जोड़ रहा है, बल्कि ग्लोबल साउथ के देशों को भी डिजिटल सशक्तिकरण की राह दिखा रहा है। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भारत का ‘डिजिटल इंडिया’ अभियान अब दुनिया के कई देशों के लिए रोल मॉडल बन चुका है।
17 अगस्त 2024 को आयोजित तीसरे Voice of the Global South Summit में पीएम मोदी ने विकासशील देशों के सामने चार स्तंभों वाला "Global Compact" पेश किया था, जिसमें एक महत्वपूर्ण बिंदु था — टेक्नोलॉजी साझेदारी। पीएम मोदी ने कहा था कि भारत अपनी डिजिटल क्षमताएं और अनुभव अन्य मित्र देशों के साथ साझा करने के लिए प्रतिबद्ध है। यही वजह है कि भारत Stack, UPI, Aadhaar, DigiLocker, e-Sign जैसे Digital Public Infrastructure (DPI) आज एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के कई देशों तक पहुंच चुके हैं।
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दुनिया भर में भारतीय डिजिटल मॉडल की धूम
यूपीआई अब भूटान, नेपाल, श्रीलंका, सिंगापुर, मॉरिशस और फ्रांस में चालू है। हाल ही में नामीबिया पहला देश बना जिसने UPI को पूरी तरह लाइसेंसिंग मॉडल के तहत अपनाया। त्रिनिदाद एंड टोबैगो कैरिबियाई क्षेत्र का पहला देश बना जिसने भारत के UPI सिस्टम को अपनाया। मलेशिया, ओमान, कतर, साइप्रस, यूके और मालदीव जैसे कई देश भी यूपीआई को अपने सिस्टम में एकीकृत करने की प्रक्रिया में हैं।
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