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इंटरनेट सेंसरशिप पर भारत सरकार और एलन मस्क में टकराव, कोर्ट पहुंचा मामला

मस्क की कंपनी ने कर्नाटक हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दी है, जिसमें भारत की इंटरनेट सेंसरशिप प्रणाली को सीधा निशाना बनाया गया है।

एलन मस्क और साथ में भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी / Reuters

भारत में इंटरनेट पर सेंसरशिप को लेकर दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क और भारत सरकार आमने-सामने आ गए हैं। मस्क की सोशल मीडिया कंपनी X ने भारत सरकार के कंटेंट हटाने के आदेशों को असंवैधानिक और अवैध बताते हुए कोर्ट में चुनौती दी है।

मामला तब चर्चा में आया जब महाराष्ट्र के सतारा जिले में एक पुरानी पोस्ट को लेकर पुलिस ने X को हटाने का निर्देश दिया, जिसमें एक भाजपा नेता को निकम्मा बताया गया था। पुलिस ने इस पोस्ट को सांप्रदायिक तनाव भड़काने वाला बताया, लेकिन X ने इसे हटाने से इनकार कर दिया।

अब मस्क की कंपनी ने कर्नाटक हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दी है, जिसमें भारत की इंटरनेट सेंसरशिप प्रणाली को सीधा निशाना बनाया गया है।

क्या है विवाद?
2023 से मोदी सरकार ने सोशल मीडिया पर नियंत्रण को सख्त कर दिया है। मोदी सरकार ने अब राज्य पुलिस और विभिन्न एजेंसियों को भी कंटेंट हटाने का अधिकार दे दिया है। अक्टूबर 2024 में सरकार ने सहयोग नामक पोर्टल लॉन्च किया, जहां अधिकारी सीधे हटाने का आदेश दे सकते हैं। X इस पोर्टल में शामिल नहीं हुआ और इसे सेंसरशिप पोर्टल करार देकर कोर्ट चला गया।

X का आरोप
X का कहना है कि सरकार व्यंग्य, आलोचना और असहमति को भी गैरकानूनी बताकर हटवा रही है। हजारों अधिकारी और पुलिसवाले बिना न्यायिक समीक्षा के असहमति की आवाज दबा रहे हैं। 1,400 से अधिक पोस्ट या अकाउंट हटाने के आदेश मिले, जिनमें मीडिया रिपोर्ट, कार्टून और नेताओं की आलोचना शामिल है।

कोर्ट में क्या हुआ?
X ने कोर्ट को बताया, रेलवे मंत्रालय ने भारतीय मीडिया NDTV की रिपोर्ट्स को हटवाने की कोशिश की, जो नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ की खबरें थीं। चेन्नई पुलिस ने एक कार्टून हटाने को कहा, जिसमें महंगाई को रेड डायनासोर के रूप में दिखाया गया था। बोट में छेद वाला व्यंग्य चित्र, जो बाढ़ की तैयारी पर था, उसे भी हटाने की मांग की गई।

सरकार ने अपने बचाव में कहा कि X पर फेक न्यूज, नफरत और पोर्नोग्राफिक कंटेंट मौजूद है। कंटेंट हटाना कानून के तहत जरूरी है ताकि सामाजिक सौहार्द बना रहे। Google और Meta जैसी कंपनियां भी इस प्रयास में सरकार का साथ दे रही हैं।

एलन मस्क क्या चाहते हैं?
मस्क, जो खुद को फ्री स्पीच एब्सोलूटिस्ट कहते हैं, पहले भी अमेरिका, ब्राज़ील और ऑस्ट्रेलिया में सरकारों से भिड़ चुके हैं। लेकिन भारत में यह मामला खास है क्योंकि भारत X का एक सबसे बड़ा यूज़र-बेस है। मस्क की कंपनियां Tesla और Starlink भारत में विस्तार की योजना बना रही हैं। 2023 में मस्क ने भारत को दुनिया का सबसे संभावनाशील देश बताया था और मोदी से निवेश को लेकर मुलाकात भी की थी।

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