भारत के लिए 21वीं सदी बड़े बदलावों का दौर है। हाल के कुछ वर्षों के भीतर इस देश में कई बड़े बदलाव देखे गए। बॉलीवुड की फिल्में इस स्थिति को स्पष्ट रुप से दर्शाती हैं। इस पुस्तक को भारतीय मूल की दो प्रोफेसरों, मेघा अनवर और अनुपमा अरोड़ा ने लिखा है, जो हिंदी सिनेमा, नवउदारवाद और समकालीन भारतीय समाज के अंतर्संबंधों की पड़ताल करती है।
पुस्तक का शीर्षक 'Screening Precarity: Hindi Cinema and Neoliberal Crisis in Twenty-First Century India' है। जो समकालीन हिंदी सिनेमा में असुरक्षा का विश्लेषण करती है। यह पुस्तक सितंबर 2025 में मिशिगन विश्वविद्यालय प्रेस द्वारा प्रकाशित की गई थी, जिसे भारतीय मूल की प्रोफेसर्स मेघा अनवर और अनुपमा अरोड़ा ने लिखा है।
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