पाकिस्तान के परमाणु शस्त्रागार संयुक्त राष्ट्र की परमाणु एजेंसी की निगरानी में होना चाहिए। भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पिछले सप्ताह इस्लामाबाद और नई दिल्ली के बीच चार दिनों तक चले संघर्ष में युद्ध विराम के बाद 15 मई को यह बात कही।
रक्षा मंत्री ने कश्मीर में एक बेस पर सैनिकों से कहा कि मैं यह सवाल दुनिया के सामने रखना चाहता हूं... क्या पाकिस्तान का परमाणु शस्त्रागार सुरक्षित है? पाकिस्तान के परमाणु शस्त्रागार को अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) की जांच के दायरे में लाया जाना चाहिए।
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सैन्य छावनी से एक कड़ा संदेश देते हुए सिंह ने जोर देकर कहा कि भारत ने कभी युद्ध की वकालत नहीं की है लेकिन 'जब हमारी संप्रभुता पर हमला होगा तो हम जवाब देंगे।' उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर आतंकवाद के खिलाफ भारत द्वारा की गई सबसे महत्वपूर्ण कार्रवाई है।
सिंह ने जम्मू-कश्मीर की अपनी उच्च स्तरीय यात्रा की शुरुआत समग्र सुरक्षा परिदृश्य, खास तौर पर नियंत्रण रेखा (LOC) और अंतरराष्ट्रीय सीमा का आकलन करने के लिए की है। ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत के बाद से यह उनका इस क्षेत्र का पहला दौरा है।
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