उपन्यासकार सलमान रुश्दी पर 2022 में उनके एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान चाकू से हमला करने वाले 27 वर्षीय अमेरिकी-लेबनानी नागरिक हादी मतार को दोषी ठहराए जाने के बाद शुक्रवार, 16 मई 2025 को 25 साल की जेल की सजा सुनाई गई।
इस हमले में रुश्दी की एक आंख लगभग अंधी हो गई थी। हमला न्यूयॉर्क के एक सांस्कृतिक केंद्र में हुआ था, जहां रुश्दी कार्यक्रम में शामिल हुए थे। अदालत में रुश्दी ने बताया कि "मेरी आंख में चाकू मारा गया, दर्द इतना था कि मैं खून से लथपथ होकर चिल्ला रहा था।"
आतंक और नारेबाजी के बीच हुआ हमला
हादी मतार ने इस हमले के दौरान "फिलिस्तीन के समर्थन में नारे लगाए" और करीब 10 बार करीब छह इंच के ब्लेड से वार किए। मतार ने अपने बयान में कहा कि उसने रुश्दी की विवादित किताब "द सैटेनिक वर्सेज" के केवल दो पन्ने पढ़े हैं, लेकिन वह मानता है कि लेखक ने "इस्लाम पर हमला किया है।"
ईरान और फतवे का विवाद
मुकदमे के दौरान मतार की कानूनी टीम ने यह दावा करने की कोशिश की थी कि रुश्दी पर 1989 में ईरान द्वारा जारी फतवे के बाद उत्पीड़न हुआ। हालांकि, ईरान ने हमले से अपने किसी भी संबंध से इनकार किया है और कहा है कि "यह घटना पूरी तरह रुश्दी की जिम्मेदारी है।"
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मामला क्या है
सलमान रुश्दी की किताब "द सैटेनिक वर्सेज" को लेकर विवाद लंबे समय से जारी था। 1989 में उस किताब के कारण ईरान के तत्कालीन नेता ने उन पर फतवा जारी किया था। इस हमले ने एक बार फिर से इस विवाद को ताजा कर दिया है। 25 साल की सजा से साबित होता है कि अमेरिकी न्याय व्यवस्था ने इस हिंसक और सांप्रदायिक हमले को गंभीरता से लिया है। रुश्दी के समर्थन में लेखक और मानवाधिकार संगठन भी खड़े रहे हैं, जिन्होंने इस हमले की निंदा की थी।
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