दक्षिण एशियाई सिनेमा में महिलाओं की अनदेखी यात्रा पर केंद्रित ईशा नियोगी डे की नई किताब 'वीमेन'स ट्रांसबॉर्डर सिनेमा: ऑथरशिप, स्टारडम और फिल्मिक लेबर इन साउथ एशिया' हाल ही में प्रकाशित हुई है। दिसंबर 2024 में यूनिवर्सिटी ऑफ इलिनॉय प्रेस से आई इस किताब में लेखक ने उन महिलाओं की कहानी सामने लाई है, जिन्होंने 20वीं सदी के उत्तरार्ध में भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश में न सिर्फ प्रमुख अभिनेत्री के रूप में पहचान बनाई, बल्कि निर्माता बनकर भी अपनी फिल्मों का नेतृत्व किया।
किताब में इन "स्टार-ऑथर्स" के संघर्ष और योगदान को रेखांकित किया गया है, जिन्होंने न सिर्फ फिल्मी परदे पर अपना वर्चस्व स्थापित किया, बल्कि सीमाओं और संस्थागत व्यवस्थाओं को लांघते हुए एक तरह से सांस्कृतिक प्रतिरोध का रास्ता अपनाया।
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ईशा नियोगी डे का यह शोध कार्य दक्षिण एशियाई सिनेमा के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय को सामने लाता है, जिसे अब तक बहुत कम सराहा गया था।
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