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भारत की आजादी में प्रवासी भारतीयों की भूमिका पर चर्चा

इस वर्ष कार्यक्रम का विषय था – "भारत की स्वतंत्रता संग्राम में अमेरिका और भारतीय प्रवासियों की भूमिका"।

प्रवासी भारतीय /

इंडियन डायस्पोरा सेंटर, ग्लोबल ऑर्गनाइजेशन ऑफ पीपल ऑफ इंडियन ओरिजिन (GOPIO) और इंडियन अमेरिकन केरल कल्चरल एंड सिविक सेंटर के सहयोग से वार्षिक डायस्पोरा व्याख्यान और संवाद सत्र का आयोजन एलमोंट, न्यूयॉर्क स्थित केरल सेंटर में किया गया। इस वर्ष कार्यक्रम का विषय था – "भारत की स्वतंत्रता संग्राम में अमेरिका और भारतीय प्रवासियों की भूमिका", जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में लेखक और वक्ता डॉ. भुवन लाल ने ऐतिहासिक तथ्यों और रोचक किस्सों के साथ उपस्थित श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

हरदयाल: ब्रिटिश साम्राज्य के लिए सबसे बड़ा 'खतरा'
डॉ. भुवन लाल ने लाला हरदयाल और अमेरिका एवं यूरोप में फैले ग़दर आंदोलन की अहम भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “गुप्त खुफिया रिपोर्टों के अनुसार, ‘हुकूमत-ए-ब्रिटानिया’ हरदयाल को तब तक का सबसे बड़ा खतरा मानती थी जब तक वह जीवित रहे।” उन्होंने बताया कि ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी MI6 की उत्पत्ति हरदयाल की गतिविधियों से जुड़ी थी, और ब्रिटिश खुफिया प्रमुख सर डेविड पेट्री तक ने लिखा, “हाल के समय में भारत सरकार के खिलाफ हरदयाल से बड़ा अपराधी कोई नहीं रहा।”

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