भारत में नवरात्रि का त्योहार शुरु हो चुका है। लेकिन अमेरिका में इसका जश्न काफी पहले से ही प्रारंभ हो जाता है। अहमदाबाद मिरर के अनुसार, भारत के कई प्रमुख गायक नवरात्रि की पारंपरिक शुरुआत से 30 से 45 दिन पहले ही अमेरिका का दौरा शुरू कर देते हैं और भारतवंशियों को जीवंत उत्सवों का आनंद बढ़ाते हैं।
अमेरिका में नवरात्रि का परंपरा और सामुदायिक भावना का अनोखा मिलन दिखता है। अमेरिका में कामकाजी जिंदगी की वजह से नवरात्रि के नौ दिवसीय उत्सव को वीकेंड में ही मनाया जाता है। अहमदाबाद मिरर ने इसके बारे में लिखा है कि अमेरिका में नवरात्रि वीकेंड का उत्सव बन जाता है। इससे भारतीय अमेरिकियों को अपनी नौकरी को प्रतिबद्धताओं को पूरा करते हुए गरबा-रास आदि में शामिल होने का पर्याप्त अवसर मिल जाता है।
न्यूयॉर्क, शिकागो, सैन फ्रांसिस्को, अटलांटा और ह्यूस्टन जैसे प्रमुख अमेरिकी शहरों में भारतीय खासकर गुजराती समुदाय काफी सक्रिय हैं। इसी वजह से यहां नवरात्रि को काफी प्रमुखता मिलती है। इन शहरों में आयोजित बड़े कार्यक्रमों में पारंपरिक चनिया चोली और केडिया पहने हजारों लोग गरबा और डांडिया में शामिल होते हैं।
सांस्कृतिक संगठन और स्थानीय मंदिर प्रशासन भी नवरात्रि के कार्यक्रमों के दौरान गरबा नाइट्स का आयोजन करते हैं। ये कार्यक्रम विविध पृष्ठभूमि के लोगों को एकसाथ लाती हैं और अपने लोगों को मातृभूमि से दूर रहते हुए अपनेपन की भावना प्रदान करती हैं।
हाल के वर्षों में नवरात्रि का विस्तार भारतीय समुदाय से परे भी हुआ है। विभिन्न पृष्ठभूमि के लोग इसमें रुचि लेने लगे हैं। विश्वविद्यालय, सांस्कृतिक संगठन और डांस स्कूल गैर-भारतीयों को नवरात्रि उत्सव में शामिल होने, पारंपरिक नृत्य सीखने, अनुष्ठान करने और भारतीय व्यंजनों का स्वाद लेने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। नवरात्रि के दौरान अमेरिका में भी बहुत से लोग उपवास रखते हैं और सिर्फ फल, विशेष अनाज और डेयरी से बने पारंपरिक शाकाहारी व्यंजनों का आनंद लेते हैं।
अमेरिका में जैसे-जैसे भारतीय प्रवासियों की संख्या बढ़ रही है, नवरात्रि समारोह भी अधिक जीवंत होते जा रहे हैं। उनमें पारंपरिक प्रथाओं के साथ आधुनिकता का मिलन भी देखने को मिलता है। अहमदाबाद मिरर के अनुसार, भारतवंशियों की युवा पीढ़ी अपनी विरासत को अपनाते हुए, रीति-रिवाजों परंपराओं का पालन करते हुए आधुनिक जीवनशैली जीने के तरीके अपना रही है।
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