रूढ़िवादी कार्यकर्ता चार्ली किर्क की हत्या की जांच और आरोपी यौन तस्कर जेफरी एपस्टीन के खिलाफ जारी जांच के बीच FBI के निदेशक काश पटेल की भी मुश्किलें बढ़ रही हैं। पटेल मंगलवार को अमेरिकी सीनेट पैनल के समक्ष पेश हुए। जहां उनसे सीनेटर्स ने कई तीखे सवाल पूछे।
बता दें कि मुकदमे में आरोप लगाया गया है कि पटेल अपनी सोशल मीडिया उपस्थिति पर अड़े हुए थे और उन्होंने निजी तौर पर कहा था कि उनका काम उन अधिकारियों को नौकरी से निकालना था जो ट्रंप की जांच में शामिल थे, जिन पर उनके कार्यकाल के दौरान दो संघीय आपराधिक मामले दर्ज थे जिन्हें अब खारिज कर दिया गया है। वहीं FBI ने इस मुकदमे पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
पटेल की सीनेट न्यायपालिका समिति के समक्ष उपस्थिति ऐसे समय हुई जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के कुछ सहयोगियों सहित आलोचकों ने अमेरिका की सबसे प्रमुख कानून प्रवर्तन एजेंसी के उनके नेतृत्व पर सवाल उठाए हैं। पटेल ने अपने कार्यकाल का व्यापक बचाव किया। उन्होंने कहा कि आपराधिक गतिविधियों के लिए एफबीआई की गिरफ्तारियों और अवैध बंदूकों की जब्ती में वृद्धि दर्ज की गई है।
पटेल ने कहा कि उनका ध्यान जनता का विश्वास बनाने और पारदर्शिता बढ़ाने पर है। वे संघीय एजेंसी से अलग नहीं हो रहे।
दरअसल, पटेल ने इससे पहले उन्होंने सोशल मीडिया पर चार्ली हत्याकांड के बाद कार्रवाई को लेकर एक गलत पोस्ट डाली थी। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा कि युवा रूढ़िवादी आंदोलन के एक महत्वपूर्ण नेता, किर्क की गोली मारकर हत्या करने वाला व्यक्ति हिरासत में है। इस बयान के बाद वर्तमान और पूर्व अमेरिकी अधिकारियों ने काश पटेल की जमकर आलोचना की।
हालांकि बाद में संघीय एजेंसी स्पष्टीकरण देने के लिए खुद सामने आई। एक बयान में एफबीआई ने कहा- प्राथमिक कार्रवा के दौरान पकड़े गए दो लोगों से पूछताछ की गई और बाद में उन्हें छोड़ दिया गया।
जबकि मामले में मुख्य संदिग्ध टायलर रॉबिन्सन, को गुरुवार रात तक गिरफ्तार नहीं किया गया था। अमेरिका में बढ़ते राजनीतिक तनाव के बीच इस शुरुआती पोस्ट ने भ्रम की स्थिति पैदा कर दी।
सीनेट न्यायपालिका समिति के शीर्ष डेमोक्रेट, इलिनोइस के सीनेटर डिक डर्बिन ने सुनवाई की शुरुआत में कहा- काश पटेल, किर्क के हत्यारे को खोजने का श्रेय लेने के लिए ऐसी पोस्ट डाल रहे थे। ऐसा करके निदेशक पटेल ने संघीय एजेंसी FBI को क्षति पहुंचा दी है, जिससे हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक सुरक्षा खतरे में पड़ गया।"
वहीं राष्ट्रपति ट्रम्प ने सार्वजनिक रूप से पटेल द्वारा जांच के संचालन का बचाव किया है। बता दें कि पटेल ट्रम्प के करीबी माने जाते हैं। ट्रम्प के दूसरे कार्यकाल के दौरान एफबीआई ने कई वरिष्ठ अधिकारियों को हटा दिया है, जिनमें राष्ट्रीय सुरक्षा खतरों से निपटने का गहरा अनुभव रखने वाले अधिकारी भी शामिल हैं।
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