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सेंट्रल फ्लोरिडा यूनिवर्सिटी ने योगेश जोशी को बनाया 'द इंडिया सेंटर' का डायरेक्टर, ये जिम्मेदारी भी सौंपी

2012 में स्थापित इंडिया सेंटर यूसीएफ के स्कूल ऑफ पॉलिटिक्स, सिक्योरिटी एंड इंटरनेशनल अफेयर्स का हिस्सा है।

योगेश जोशी ने नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की है। / Image- UCF

सेंट्रल फ्लोरिडा विश्वविद्यालय (यूसीएफ) ने अंतरराष्ट्रीय मामलों के विशेषज्ञ योगेश जोशी को पहल् भारतीय कम्युनिटी एंडोउड चेयरमैन और द इंडिया सेंटर का डायरेक्टर नियुक्त किया है।
 
2012 में स्थापित इंडिया सेंटर यूसीएफ के स्कूल ऑफ पॉलिटिक्स, सिक्योरिटी एंड इंटरनेशनल अफेयर्स का हिस्सा है। इसका उद्देश्य वैश्विक मुद्दों पर समकालीन भारत के प्रभाव की गहरी समझ प्रदान करना है।

यूसीएफ में शामिल होने से पहले योगेश जोशी सिंगापुर की नेशनल यूनिवर्सिटी में दक्षिण एशियाई अध्ययन संस्थान में राष्ट्रीय सुरक्षा एवं विदेश नीति प्रोग्राम की अगुआई कर चुके हैं। उन्होंने येल एनयूएस कॉलेज में भी अध्यापन किया है। 

समारोह के दौरान अपने स्वागत भाषण में कॉलेज ऑफ साइंसेज के डीन मैगी टोमोवा ने इस आयोजन के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि समुदाय और संस्कृति यूसीएफ की रणनीतिक योजना के महत्वपूर्ण फोकस एरिया हैं। आज का ये समारोह समुदाय और संस्कृति के प्रति हमारे रुझान को दर्शाता है।

समारोह के दौरान इस चेयर की स्थापना में महत्वपूर्ण योगदान के लिए कई दानदाताओं और परिवारों का आभार व्यक्त किया गया, जिनमें देशपांडे, मेहता और टोलेटी परिवार शामिल थे। 

समारोह में यूसीएफ प्रोवोस्ट माइकल डी. जॉनसन ने इसके महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यूसीएफ में भारतीय अमेरिकी फैकल्टी, कर्मचारियों और छात्रों की समृद्ध विरासत है। यह एंडो प्रोफेसरशिप इंडिया सेंटर के भविष्य के लिए अच्छा निवेश है।

योगेश जोशी ने द इंडिया सेंटर के लिए अपने दृष्टिकोण को सामने रखा और विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंधों जैसे क्षेत्रों में भारत की वैश्विक भूमिका को एक्सप्लोर करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हम साथ मिलकर अमेरिकियों और भारतीयों को सशक्त बना सकते हैं और उनके जीवन में असल बदलाव ला सकते हैं।

योगेश जोशी ने नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की है। उन्होंने भारत की परमाणु रणनीति और विदेश नीति पर तीन पुस्तकों का सह-लेखन भी किया है।
 

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