ADVERTISEMENT

ADVERTISEMENT

कनाडा में अंतरराष्ट्रीय छात्रों को हफ्ते में 24 घंटे ऑफ-कैंपस काम करने की मिली छूट

ये पॉलिसी में बहुत बड़ा बदलाव है। अब योग्य छात्र बिना किसी अलग वर्क परमिट के हफ्ते में 24 घंटे तक ऑफ-कैंपस काम कर सकेंगे। अब वो अपनी पढ़ाई के साथ-साथ अपनी वित्तीय जरूरतें भी पूरी कर सकेंगे। 

ये ऐलान कनाडा के बदलते हुए इमिग्रेशन सिस्टम के बीच आया है। / Pexels

कनाडा के आव्रजन, शरणार्थी और नागरिकता (IRCC) ने एक ऐसा फैसला लिया है जिससे हजारों अंतरराष्ट्रीय छात्रों पर असर पड़ेगा। अब योग्य छात्र बिना किसी अलग वर्क परमिट के हफ्ते में 24 घंटे तक ऑफ-कैंपस काम कर सकेंगे। ये पॉलिसी में बहुत बड़ा बदलाव है। स्टूडेंट्स के लिए ये बहुत राहत की बात है क्योंकि अब वो अपनी पढ़ाई के साथ-साथ अपनी वित्तीय जरूरतें भी पूरी कर सकेंगे। 

ये ऐलान कनाडा के बदलते हुए इमिग्रेशन सिस्टम के बीच आया है। हाल ही में पोस्ट-ग्रेजुएशन वर्क परमिट (PGWP) प्रोग्राम में बदलाव किए गए हैं। स्टूडेंट डायरेक्ट स्ट्रीम (SDS) स्कीम को भी बंद कर दिया गया है। इन बदलावों का मकसद लेबर मार्केट की जरूरतों के हिसाब से चीजों को ठीक करना और विदेशी छात्रों के आने की संख्या को स्थिर करना है।

इन पॉलिसी बदलाव के बावजूद कनाडा उच्च शिक्षा हासिल करने वाले भारतीय छात्रों के लिए एक प्रमुख गंतव्य बना हुआ है। लेकिन, छात्रों की संख्या में कमी के संकेत भी दिख रहे हैं। CBC News की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि इस जून में 2023 की इसी अवधि की तुलना में स्टडी परमिट वाले छात्रों की संख्या में 20 प्रतिशत की गिरावट आई है। जनवरी से जुलाई 2024 के बीच, कनाडा ने स्टडी परमिट पर 107,385 भारतीय छात्रों का स्वागत किया, जिससे कनाडा के संस्थानों में रुचि बनी हुई है, हालांकि थोड़ी कम हो गई है। 

उम्मीद है कि ये नई वर्क पॉलिसी अंतरराष्ट्रीय छात्रों को ज्यादा वित्तीय आजादी देगी और कनाडा में लगातार बढ़ रही लेबर की कमी की समस्या को भी कम करेगी। कनाडा अपनी इमिग्रेशन पॉलिसी को सख्त करता जा रहा है, ऐसे में ये पहल अंतरराष्ट्रीय छात्रों की अकैडमिक और वित्तीय जरूरतों को सपोर्ट करने की दिशा में एक साकारात्मक कदम है।

 

Comments

Related