BRICS Summit: इस हफ्ते रविवार ( 06 जून, 2025) को रियो डी जेनेरियो यह अहम समिट हो रहा है। जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की ओर से बढ़ी व्यापार टैरिफ की निंदा करने की उम्मीद है। ब्रिक्स देश यूएस के निर्णय को अनुचित ठहरा रहे हैं। उनका मानना है कि टैरिफ दरों के अधिक बढ़ाए जाने से वैश्विक अर्थव्यवस्था को नुकसान हो सकता है।
ब्रिक्स (BRICS) देशों के समिट में भारत समेत कई देश यूएस की बढ़ी व्यापार टैरिफ दरों को लेकर चिंतित हैं। शनिवार को न्यू एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट में शिखर सम्मेलन के मसौदे का जिक्र किया गया। रिपोर्ट में एक बयान का जिक्र किया गया, जिसमें कहा गया है कि दुनिया की आधी आबादी और वैश्विक आर्थिक उत्पादन के 40 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करते उभरते हुए देश अमेरिकी आयात टैरिफ के बारे में विचार मंथन के लिए एकजुट हो गए हैं।
बता दें कि इस साल की शुरुआत में यूएस में नई सरकार के गठन के साथ ही कई कड़े फैसले लेने का ऐलान किया गया। जिसके बाद लगातार शुल्क वृद्धि की एक श्रंखला सी चल पड़ी। जिसका कई देशों यूएस के साथ व्यापार पर असर पड़ रहा है।
इस बीच ब्राजील के शहर रियो डी जेनेरियो में ब्रिक्स देशों के समिट को लेकर मसौदा शिखर सम्मेलन घोषणा में संयुक्त राज्य अमेरिका या उसके राष्ट्रपति का नाम नहीं है, जो कि ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका सहित 11 उभरते देशों की ओर से यूएस को करारा जवाब है। हालांकि दावा किया जा रहा है कि ब्रिक्स नेताओं द्वारा इसमें संशोधन किया जा सकता है। हालांकि यह समिट रविवार को शुरू हुई जो सोमवार (7 जुलाई, 2025) तक चलेगी।
इस बार शिखर सम्मेलन के एजेंडे में यूएस टैरिफ दरों के अलावा एआई और स्वास्थ्य सहयोग के प्रस्तावों को भी शामिल किया गया है। बता दें कि ब्रिक्स के सदस्य देशों की संख्या में अब वृद्धि के साथ समूह को मजबूती मिली है। इस ग्रुप में अब ब्राजील, रूस, भारत और चीन के अलावा दक्षिण अफ्रीका और हाल ही में सऊदी अरब, ईरान, संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र, इथियोपिया और इंडोनेशिया भी इसमें शामिल हो गए हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिक्स समिट के मसौदे में कहा गया, "हम एकतरफा टैरिफ़ और गैर-टैरिफ़ उपायों के बढ़ने के बारे में गंभीर चिंता व्यक्त करते हैं जो व्यापार को विकृत करते हैं और WTO (विश्व व्यापार संगठन) के नियमों के साथ असंगत हैं। वैश्विक व्यापार को और कम करने की धमकी देते हैं" और "वैश्विक आर्थिक विकास की संभावनाओं को प्रभावित कर रहे हैं।"
शिखर सम्मेलन का राजनीतिक प्रभाव चीन के शी जिनपिंग भी अनुपस्थित रहेंगे। पिछले 12 वर्षों में ये पहला मौका होगा जब वे ब्रिक्स की वार्षिक बैठक में शामिल नहीं होंगे।
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