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भारत और PAK के बीच कश्मीर के इस परिवार पर टूटा था दुखों का पहाड़, अब मना रहे हैं जश्न

नसरीन अख्तर बी की बड़ी बहन नशीन अख्तर (60 वर्ष) ने कहा, "उनकी सारी जमीनें, पारिवारिक जड़ें और इतिहास यहीं थे" अख्तर के बेटे फैसल मजीद (35) ने कहा कि पहलगाम में हुए हमले से वे स्तब्ध हैं, लेकिन उन्होंने नहीं सोचा था कि इसका उन पर कोई असर होगा। वहीं उनके भतीजे मजीद ने कहा, "जब कश्मीर में नागरिक मारे गए और हमारी सरकार ने निष्कासन की घोषणा की, तो हमने नहीं सोचा था कि इसका हम पर सीधा असर होगा। ऐसा लगा जैसे मुझ पर एक टन ईंटें गिर गई हों। उनके कई पड़ोसी उनके पारिवारिक इतिहास से अनजान थे।

नसरीन अख्तर बी का परिवार / Punit PARANJPE/AFP

पाकिस्तान से भारत आने, शादी करने और छह बच्चों को जन्म देने के चार दशक बाद, नसरीन अख्तर बी की जिंदगी में उथल-पुथल मच गई। बता दें, 55 साल की नसरीन अख्तर बी भारत प्रशासित कश्मीर में हुए हमले में शामिल नहीं थीं, जब टूरिस्ट्स को कश्मीर के पहलगाम में निशाना बनाकर बंदूकधारियों ने 26 टूरिस्ट्स की हिंदू धर्म के नाम पर  हत्या कर दी थी, मरने वालों में सभी पुरुष थे। जिसके बाद भारत सरकार ने अपने कट्टर प्रतिद्वंद्वी इस्लामाबाद को दोषी ठहराया था। हालांकि पाकिस्तान ने आरोपों को खारिज कर दिया।

हालांकि आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। दोनों ही देशों ने अपने एयरस्पेस को बंद कर दिया है। यही नहीं दोनों देशों के सैनिकों के बीच कश्मीर में वास्तविक सीमा पर नियमित रूप से गोलीबारी होती रही है और वीजा रद्द करने के दंडात्मक राजनयिक प्रतिबंध भी लगाए गए हैं।


आतंकवादी हमले से बदल गया नसरीन अख्तर बी का पूरा जीवन

नसरीन अख्तर बी और उनका परिवार भारतीय नियंत्रण में हिमालय की पहाड़ियों में सलवाह के आम तौर पर शांत खेती वाले गांव में रहते हैं, लेकिन हम ये गांव दोनों ही देशों के झगड़े के बीच फंस गया है।

दरअसल नसरीन अख्तर बी के चार भाइयों और चार बहनों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया और पाकिस्तान की सीमा पर ले जाया गया। उन्होंने कहा, "यह बहुत बड़ा सदमा था, "मुझे नहीं पता था कि क्या करना है, मैं ठंड से कांप रही थी और मेरा पूरा शरीर बुखार से भरा हुआ था"

नसरीन अख्तर बी की बड़ी बहन नशीन अख्तर (60 वर्ष) ने कहा, "उनकी सारी जमीनें, पारिवारिक जड़ें और इतिहास यहीं थे" अख्तर के बेटे फैसल मजीद (35) ने कहा कि पहलगाम में हुए हमले से वे स्तब्ध हैं, लेकिन उन्होंने नहीं सोचा था कि इसका उन पर कोई असर होगा। वहीं उनके भतीजे मजीद ने कहा, "जब कश्मीर में नागरिक मारे गए और हमारी सरकार ने निष्कासन की घोषणा की, तो हमने नहीं सोचा था कि इसका हम पर सीधा असर होगा। ऐसा लगा जैसे मुझ पर एक टन ईंटें गिर गई हों। उनके कई पड़ोसी उनके पारिवारिक इतिहास से अनजान थे।

नसरीन अख्तर बी  ने कहा कि वह पहलगाम हमले के बाद लोगों के गुस्से को समझती हैं, "मुझे मारे गए लोगों के लिए दर्द महसूस हो रहा है. मैं उन लोगों के लिए भी दुखी हूं, जिन्हें इतने सालों के बाद जाने के लिए कहा जा रहा है।


आपको बता दें, जब नसरीन अख्तर बी और उनके भाई-बहन पाकिस्तान में घुसने के लिए तैयार हुए, तो आखिरी समय में भारतीय अदालत के आदेश ने उनके निष्कासन को रोक दिया। उनके पति फजल हुसैन ने अपने साधारण पहाड़ी घर के बरामदे में अपनी पत्नी के साथ बैठे हुए कहा, " शुक्र है कि ऐसा नहीं हुआ"


नसरीन अख्तर बी नहीं गई पाकिस्तान

नसरीन अख्तर बी अब भारत द्वारा शासित जम्मू और कश्मीर में अपने खेत पर वापस आ गई है। हालांकि अभी भी स्थिति चिंता की बनी हुई है। संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस ने सोमवार को कहा कि पाकिस्तान और भारत के बीच संबंध "उबलते बिंदु" पर पहुंच गए हैं, उन्होंने चेतावनी दी कि "अब अधिकतम संयम बरतने और कगार से पीछे हटने का समय है"।

भारत की सेना ने मंगलवार को कहा कि उसके सैनिकों ने नियंत्रण रेखा के पार कई जगहों पर रात भर पाकिस्तानी सैनिकों के साथ गोलीबारी की, जो कि 24 अप्रैल से हर रात हो रही है। बता दें, नसरीन अख्तर बी का गृह गांव के पास भी गोलीबारी की गई। हालांकि अब उनका परिवार पाकिस्तान नहीं गया है, ऐसे में उनके लिए ये जश्न की बात है।

नसरीन अख्तर बी ने कहा, "मुझे एहसास हुआ कि मैं घर आ गई हूं जब मैंने अपनी भैंसों, बकरियों और अपने पति को देखा, जो खुशी से रो रहे थे और मुझे फूलों की माला पहना रहे थे।


जानें भारत- पाकिस्तान के इतिहास के बारे में


भारत और पाकिस्तान के बीच 1947 में ब्रिटिश शासन के हिंसक अंत के बाद से कई बार लड़ाई हुई है, जब औपनिवेशिक अधिकारियों ने राष्ट्रों को विभाजित करने के लिए मानचित्रों पर सीधी रेखा वाली सीमाएं खींची थीं, जिससे समुदाय विभाजित हो गए थे। ऐसे में कश्मीर जिस पर भारत और पाकिस्तान दोनों का दावा है, बार-बार टकराव और तनाव का मुद्दा रहा है।

 

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