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AAVIO के वार्षिकोत्सव में उल्लेखनीय योगदान के लिए वेटरिनरी डॉक्टर्स का विशेष सम्मान

AAVIO के प्रेसिडेंट डॉ रवि मुरारका ने बताया कि कार्यक्रम के दौरान जबलपुर एवं गुजरात वेट कॉलेज में वाइस चांसलर रहे डॉ एमआर पटेल, AAVIO के पूर्व प्रेसिडेंट डॉ निर्वाण थापर और USDA के पैरासाइटोलॉजिस्ट व पूर्व प्रेसिडेंट जेपी दुबे का विशेष सम्मान किया गया। 

कार्यक्रम में तीन वरिष्ठ वेटरिनरी डॉक्टर्स का सम्मान किया गया। / Image: Dr. Ravi Murarka

भारतीय मूल के अमेरिकी वेटरिनरी डॉक्टरों की एसोसिएशन AAVIO की सालाना बैठक वॉशिंगटन डीसी में संपन्न हुई। इसमें न्यूयॉर्क, न्यूजर्सी, पेंसिलवेनिया, मैरीलैंड, वर्जीनिया, नॉर्थ कैरोलिना से संगठन के सदस्यों और पूर्व अध्यक्षों ने हिस्सा लिया। समारोह में भारत के जयपुर से डॉ महेश कातरा और बिहार से डॉ विजय कुमार सिन्हा स्पेशल गेस्ट के रूप में मौजूद थे। 

AAVIO के प्रेसिडेंट डॉ रवि मुरारका ने बताया कि कार्यक्रम के दौरान जबलपुर एवं गुजरात वेट कॉलेज में वाइस चांसलर रहे डॉ एमआर पटेल, AAVIO के पूर्व प्रेसिडेंट डॉ निर्वाण थापर और USDA के पैरासाइटोलॉजिस्ट व पूर्व प्रेसिडेंट जेपी दुबे का विशेष सम्मान किया गया। 

यह पहला अवसर था, जब एक ही समारोह में एक शिक्षक और उनके छात्र का सम्मान किया गया। डॉ एमआर पटेल एक समय मऊ वेटरिनरी कॉलेज में पढ़ाते थे और डॉ जेपी दुबे उनके स्टूडेंट थे। इवेंट के दौरान AAVIO के कई पूर्व अध्यक्ष जैसे कि डॉ सुरेश दुआ, डॉ जेपी दुबे, डॉ भारत पटेल, डॉ  मूर्ति गुंताकट्टा और डॉ निर्वाण थापर की बेटी ने अपने संघर्षों और चुनौतियों की कहानियां साझा कीं। 

इस अवसर पर मर्क एनिमल हेल्थ के डॉ निखिल जोशी ने नई कैनाइन इंफ्लुएंजा वैक्सीन एच3एन2, आरएनए पार्टिकल के बारे में जानकारी दी। डॉ एमआर पटेल की अस्वस्थता के कारण उनके बेटे ने पुरस्कार ग्रहण किया। स्वर्गीय डॉ निर्वाण थापर का पुरस्कार उनकी बेटी डॉ नमिता दुआ ने स्वीकार किया। 

कार्यक्रम में सम्मानित अतिथिगण एवं पदाधिकारी। / Images: Dr. Ravi Murarka

भारत और अमेरिका में वेटरिनरी शिक्षा के क्षेत्र में अमूल्य योगदान के लिए डॉ पटेल को AAVIO के प्रेसिडेंट डॉ रवि मुरारका ने पुरस्कृत किया। डॉ पटेल गुजरात के रहने वाले हैं।

लुधियाना के रहने वाले डॉ निर्वाण अमेरिकन इंडियन वेटरिनरी एसोसिएशन AIVA के संस्थापक थे। 1968 में विस्कॉन्सिन यूनिवर्सिटी से पैथोलोजी में मास्टर्स करने के बाद उन्होने मैरीलेंड यूनिवर्सिटी की पैथ लैब में सेवाएं दी थी। 1999 में उनका निधन हो गया। 

डॉ. जितेंद्र पी दुबे मशहूर वेटरिनरी पैरासाइटोलॉजिस्ट और माइक्रोबायलॉजिस्ट हैं। उन्होंने टोक्सोप्लाजमा गोंडी, नियोस्पोरा कैनिनम और सार्कोसिस्टिस न्यूरोमा के इलाज में उल्लेखनीय कार्य किया है। वह 1985 में अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ वेटरिनरी पैरासाइटोलॉजिस्ट की तरफ से डिस्टिंगुइश्ड वेटरिनरी पैरासाइटोलॉजिस्ट अवॉर्ड प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति थे। 


 

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